शेरशाह महोत्सव पर उठे सवाल, जिला प्रशासन और समाजसेवी आमने-सामने

DIWAKAR TIWARY.
सासाराम। जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विगत कई वर्षों से पर्यटन विभाग एवं जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित होने वाले शेरशाह महोत्सव को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। एक तरफ जहां सूबे के पर्यटन मंत्री राजू कुमार सिंह ने शेरशाह महोत्सव में निर्धारित समय से 2 घंटे विलंब से आकर महोत्सव का आगाज किया, वहीं दूसरी ओर जिले के चर्चित समाजसेवी तोराब नियाजी ने शेरशाह महोत्सव पर खर्च हो रहे करोड़ों रुपए की राशि को फिजूल खर्ची बताते हुए बंदरबांट करने का आरोप लगाया है।
शेरशाह मकबरे पर छाए अंधियारे से गहराया विवाद
दरअसल शहर के फजलगंज स्थित न्यू स्टेडियम में बुधवार को दो दिवसीय शेरशाह महोत्सव का शानदार आगाज हुआ। कार्यक्रम स्थल पर तोरण द्वार से लेकर मंच तक बेहतर रंग बिरंगी लाइटिंग की व्यवस्था दिखी तथा महोत्सव में देश के कई नामचीन कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुतियां दी। लेकिन जब जिले के चर्चित समाज सेवी तोराब नियाजी ने कार्यक्रम स्थल से महज 500 मीटर दूर शेरशाह मकबरे पर छाए अंधियारे को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाला तो विवाद शुरू हो गया। उन्होंने फेसबुक लाइव आकर कहा कि जिनके महोत्सव पर आज करोड़ों रुपए खर्च हो रहे हैं उसकी स्थिति यह है कि शेरशाह मकबरा हीं घोर अंधियारे में डूबा हुआ है। महोत्सव पर करोड़ों रुपए नाच गाने एवं लाइटिंग पर खर्च हो रहे हैं, लेकिन जिनके नाम पर जिले की पहचान एवं महोत्सव हो रहा है, उनके मकबरे पर अंधियारा छाया हुआ है। साथ हीं उन्होंने महोत्सव पर खर्च होने वाली राशि को कॉलेज, अस्पताल आदि पर खर्च करने की अपील की और कहा कि सरकारी राशि को नाच गाने पर खर्च करने की बजाय जिले के ऐतिहासिक धरोहरों एवं धार्मिक स्थलों के विकास पर खर्च करना चाहिए।
आरोपों का प्रशासन ने किया खंडन
वहीं समाजसेवी के आरोपों का जिला प्रशासन ने पूरी तरह खंडन किया है। पर्यटन विभाग के वरीय उपसमाहर्ता विनय प्रताप ने कहा कि शेरशाह मकबरे को लेकर कुछ भ्रामक खबरें चलाई गई है, जिसका जिला प्रशासन खंडन करता है। जिला प्रशासन की ओर से मकबरे पर सुंदर लाइटिंग की व्यवस्था की गई है। दरअसल बिजली कटने एवं जनरेटर चालू होने के अंतराल में एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया है, जो पूरी तरह भ्रामक है।
वहीं पुरातत्व विभाग के वरिष्ठ सहायक दीपक कुमार वर्मा ने कहा कि सोशल मीडिया पर डाला गया पोस्ट जेनरेटर आन होने से पहले का है।शेरशाह मकबरे को इल्यूमिनेट करने के लिए प्रतिदिन लाइट जलती है। इसके अलावा मकबरा परिसर में पर्यटकों के लिए बेंच डेस्क, टॉयलेट डस्टबिन आदि रखे गए हैं तथा साफ सफाई का भी पूरा ख्याल रखा जाता है।
समाजसेवी ने जांच करने की कही बात
जिला प्रशासन द्वारा आरोपों का खंडन किये जाने के पश्चात समाजसेवी तोराब नियाजी ने पूरे मामले की जांच करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि जिस वक्त शेरशाह मकबरे पर अंधेरा था, उस वक्त पूरे शहर में लाइट थी और जिला प्रशासन से अनुरोध है कि पूरे मामले की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करें।
रोहतास की समृद्ध विरासत का उत्सव
दरअसल शेरशाह महोत्सव रोहतास जिले की समृद्ध विरासत का एक उत्सव है, जिसे बीते कई वर्षों से बिहार सरकार के पर्यटन विभाग एवं जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वाधान में मनाया जाता है। रोहतास जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने एवं शेरशाह सूरी से जुड़े ऐतिहासिक धरोहरों के प्रति पर्यटकों को आकर्षित करना हीं इस महोत्सव का मुख्य उद्देश्य है। जिला प्रशासन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में लेजर लाइट एवं इलेक्ट्रॉनिक यंत्रों के माध्यम से रंग बिरंगी रौशनी का बेहतर तालमेल दिखाई दिया तथा स्क्रीन पर शेरशाह सूरी के जुड़े ऐतिहासिक स्थल लोगों को खूब आकर्षित कर रहे थे।