जीविका के प्रबंधक कृषि कौटिल्य कुमार ने बताया कि नीरा एक प्राकृतिक पौष्टिक पेय पदार्थ है

मनोज कुमार ।
बिहार के गया जिले के आमस के बभण्डीह पंचयात में जीविका सामुदायिक संगठन से जुड़े पविवार के सदस्यों बबन चौधरी द्वारा बिक्री केंद्र खोला गया। यह नीरा बिक्री केंद्र जीविका के सयोग से खोला गया है। इस अवसर ग्राम संगठन की दीदी एवं नीरा पर प्रशिक्षण प्राप्त परियोजना कर्मियों ने लोगों को नीरा के गुणों के विषय में बताया गया। सभी को तजा नीरा पीने को भेंट की गई। हाल जिला स्तरीय नीरा समन्वयन कमिटी की बैठक में जिले में नीरा से आजीविका संवर्धन को बढ़ाने के विषय में जीविका के अधकारियों को निर्देशित किया गया है।
जीविका के प्रबंधक कृषि कौटिल्य कुमार ने बताया कि नीरा एक प्राकृतिक पौष्टिक पेय पदार्थ है जिसे ताड़ एवं खजूर पेड़ से प्राप्त किया जाता है। इसमें भरपूर विटामिन, खनिज और पोषक तत्व होते हैं। यह पेय गर्मी के मौसम में शरीर को ठंडक और ऊर्जा प्रदान करता एवं लू से बचता है। ताड़ एवं खजूर के पेड़ जिले एवं पुरे राज्य में भरपूर मात्रा में उपलब्ध है। पारंपरिक रूप से नीरा उत्पादन एवं बिक्री में लगे परिवारों का आर्थिक सशक्तिकरण और सतत विकास के उद्देश्य से राज्य सरकार ने जीविका के माध्यम से मुख्यमंत्री नीरा संरक्षण योजना से जोड़ने की घोषणा की है। इस योजना का उद्देश्य नीरा उत्पादन से जुड़े श्रमिकों को वित्तीय सहायता प्रदान कर उनके जीवन स्तर को उठाना और परंपरागत उत्पाद को लाभकारी व्यवसाय में बदलना है। सरकार ने नीरा उत्पादन से जुड़े परिवारों को आर्थिक सहायता देने का आश्वासन दिया है। संग्रहित नीरा का प्रसंस्करण जिला स्तरीय सुविधाओं में किया जाएगा, जहाँ गुणवत्ता और स्वच्छता के उच्च मानकों का पालन किया जाएगा। यह कार्यक्रम रोजगार के बड़े अवसर पैदा करेगा, और नीरा उत्पादन से जुड़े व्यक्तियों और उनके परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाएगा।