राष्ट्रकवि दिनकर स्मृति समारोह का किया गया आयोजन

विश्वनाथ आनंद ।
गया( बिहार )-मानपुर जगजीवन महाविद्यालय के प्रांगण में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर स्मृति सह सम्मान समारोह का आयोजन धूम धाम से मनाया गया। इस अवसर पर उद्घाटनकर्ता व मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री माननीय जीतन राम मांझी, कार्यक्रम के अध्यक्ष सेवा निवृत अपर पुलिस महानिदेशक राज्यवर्धन शर्मा, आयोजक हिमांशु शेखर, पूर्व कुलपति प्रो कुसुम कुमारी, डॉ सत्येंद्र प्रजापति,राय मदन किशोर, प्रो. सुरेश चंद्र, स्वामी सुदर्शनाचार्य जी महाराज , रोमित कुमार ने मिलकर दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम की विधवत शुरुआत किया । आयोजक हिमांशु शेखर में सभी अतिथियों का पुष्पमाला, अंग वस्त्र एवं स्मृति चिन्ह के साथ स्वागत किया।
कार्यक्रम के दौरान प्रो. सुरेश चंद द्वारा रचित पुस्तक समवाद के उजाले में एवं अबरार आलम द्वारा रचित पुस्तक अल्फाज का सफर का विमोचन किया गया। पूर्व मंत्री अवधेश कुमार सिंह ने कहा कि मैं और जीतन मांझी जी दोनों एक साथ एक पार्टी से राजनीति का सफर शुरू किया था। कुसुम कुमारी ने कहा कि देश की आधी आबादी को राजनीति में भी पचास फीसदी आरक्षण मिलना चाहिए। मुख्य अतिथि मांझी जी ने कहा कि राष्ट्रकवि दिनकर में रश्मिरथी में जाति प्रथा पर कड़ा प्रहार किया है, लेकिन आज भी समाज जाति के बंधन में जकड़ा हुआ है। हमें जाति मुक्त समाज का निर्माण करना चाहिए। स्वामी जी महाराज ने धर्मांतरण का मुद्दा उठाया। श्री शर्मा ने कहा कि हमारे जीवन में जन्म से अधिक कर्म की प्रधानता है। अपने कर्म से कोई भी महान बन सकता है। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता श्री राजवर्धन शर्मा संचालन संजय अथर्व एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर प्रदीप कुमार ने किया। कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में राष्ट्रकवि दिनकर की रचनाओं का नाटक रूपांतरण किया गया। छात्राओं ने अपनी प्रस्तुति से सभी का दिल जीत लिया। डॉ सुषमा कुमारी ने दिनकर साहित्य पर शोध पत्र को साहित्यकारों के बीच प्रस्तुत किया । गया के स्थानीय कवियों ने अपनी रचनाओं की प्रस्तुति