माता महागौरी की उपासना से भक्तों के सभी पाप संताप व दु:ख स्वयं नष्ट हो जाते हैं- सुधा आनंद

विश्वनाथ आनंद ।
औरंगाबाद( बिहार)- चैती नवरात्र के अष्टमी तिथि को भक्तों श्रद्धालु ने मठ, मंदिरो एवं घरों में माता महागौरी का पूजा अर्चना किया. बताते चलें कि माता महागौरी की समस्त वस्त्र एवं आभूषण वेत के होते हैं . इनकी चार भुजाएं हैं. इनके ऊपर का दाहिना हाथ अभय मुद्रा में है. तथा नीचे वाले दाहिने हाथ में त्रिशूल है.
ऊपर वाले बाएं हाथ में डमरू और नीचे का बाया हाथ वर मुद्रा में है. माता महागौरी का वाहन वृषभ( बैल )है. तथा माता महागौरी का मुद्रा हमेशा शांत रहने वाली है. इस संबंध में भक्त श्रीमती सुधा आनंद ने मीडिया द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि माता का अष्टम रूप माता महागौरी की होती है. माता महागौरी की उपासना से भक्तों के सभी पाप संताप और दुख स्वयं नष्ट हो जाते हैं.