जितिया को लेकर बाजार में आभूषण के दुकानों में लगी रही भीड़,सब्जी के दाम सातवें आसमान पर
संतोष कुमार ।
प्रखण्ड मुख्यालय स्थित सोनारपट्टी से लेकर बाजार तक आभूषण के दुकानों पर जितिया खरीदने को लेकर महिलाओं की भारी भीड़ दिखी।ग्रामीण क्षेत्र से महिलाएं जितिया का ताबीज बनवाने के लिए या नया खरीदने के लिए पहुंच रही हैं।महिलाएं पुराने सोने की जितिया की सफाई के साथ मोतियों के साथ उसे बनवा रही हैं।जिन महिलाओं के पास सोने की जितिया लॉकेट नहीं है,वे लोग धागा से बनी जितिया खरीद रही हैं।जितिया का पर्व 24 सितंबर को नहाय खाय से शुरू हो चुका है।पर्व के अवसर पर माताएं पुत्रों के दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं और इस अवसर पर जितिया का लॉकेट गले में धारण किया जाता है।
इस कारण बाजार के आभूषण दुकानों में भीड़ बनी हुई है।आभूषण विक्रेता धीरज सोनी ने बताया कि यह भीड़ दो-तीन दिनों तक बनी रहती है।वहीं जितिया के पारण में अधिकांश घरों में दर्जनों प्रकार के सब्जी बनने का रिवाज कई दशकों से चलते आ रहा है।जिसको लेकर सब्जी विक्रेताओं ने भी सब्जी के दामों में दोगुना बढ़ोत्तरी कर दी है।हालांकि लोग ज्यादा मात्रा में तो नहीं किन्तु थोड़े-थोड़े मात्रा में विभिन्न प्रकार के साग-सब्जी खरीदने में जुटे हुए हैं।बाजार में खरीदारों की संख्या बढ़ने के कारण बाजार गुलजार दिख रहा था।प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न बाजारों में महिलाओं की टोली पूजन सामग्री से लेकर साड़ी,कपड़ा सहित पर्व को लेकर सोने-चांदी की खरीदने में जुटी थी।पुजारी रामप्रसाद पाण्डेय ने बताया कि जितिया कठिन त्योहारों में एक है।इसमें महिलाएं निर्जला उपवास रखती हैं।पारंपरिक विधि विधान से पूजा-अर्चना कर महिलाएं संतान की सुरक्षा की कामना करती हैं।पर्व को लेकर महिलाओं द्वारा अष्टमी तिथि को निर्जला उपवास रखा जाता है।इस दौरान जिमुतवाहन की पूजा की जाती है।मान्यता है कि निष्ठापूर्वक त्योहार करने से संतान दीर्घायु होते हैं।इसको लेकर इस त्योहार का विशेष महत्व है।