डेंगू को लेकर डीएम की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की अंतरविभागीय बैठक
मनोज कुमार ।
इस साल डेंगू के 33 मामले सामने आये, सबसे अधिक मामले शहरी क्षेत्र में
डेंगू रोग को लेकर कंट्रोल रूम नंबर 8294235135 से ले सकते हैं जानकारी
गया, 20 अगस्त: जिला में डेंगू और चिकनगुनिया रोग के संभावित प्रकोप को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने जरूरी तैयारी कर ली है। डेंगू रोग की रोकथाम के लिए जिला पदाधिकारी डॉ० त्यागराजन एसएम की अध्यक्षता में मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों द्वारा समाहरणालय सभाकक्ष में अंतरविभागीय बैठक की गयी। इस मौके पर सिविल सर्जन डॉ रंजन कुमार सिंह, डीपीएम नीलेश कुमार, विश्व स्वास्थ्य संगठन के सर्विलांस मेडिकल अफसर डॉ कुणाल, डीआईओ डॉ राजीव अंबष्ट, यूनिसेफ से संजय कुमार, जिला शिक्षा विभाग, जिला पंचायती राज विभाग, विभिन्न प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, आइसीडीएस तथा अन्य विभागों से पदाधिकारी शामिल हुए।
इस वर्ष डेंगू के 33 मामले सामने आये:
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ एमई हक ने पावर प्रिजेंटशन के माध्यम से बताया कि वर्ष 2024 में डेंगू के 33 मामले प्रतिवेदित हुए हैं। डेंगू का सबसे अधिक मामला गया शहरी क्षेत्र में मिला। यहां ग्यारह मामले डेंगू के प्रतिवेदित हुए। जबकि ग्रामीण क्षेत्र में 22 मरीज प्रतिवेदित हुए हैं। सभी मरीज पूरी तरह सुरक्षित हैं। जिला के विभिन्न प्रखंडों के तीस गांव—टोलों को डेंगू प्रभावित क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया गया है। डेंगू प्रतिवेदित मरीज के घर के आसपास फॉगिंग शहरी क्षेत्र में नगर निगम एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जिला मलेरिया कार्यालय द्वारा किया जा रहा है।
डीएम ने निर्देश दिया है सितंबर एव अक्टूबर माह में डेंगू के मामले आने की पूरी संभवना रहती है। स्लम एरिया में जहां भी सुअर पालन या जल जमाव है, वहां विशेष रूप से दवाओं का छिड़काव एव फोगिंग करवाये। नियमित जांच की व्यवस्था दुरुस्त रखे। जांच किट की कोई कमी नही है, किट का भरपूर प्रयोग करे। प्लेटलेट्स की पूरी व्यवस्था एव उपलब्धता रखे। ब्लीचिंग पाउडर, एन्टी लार्वा, एन्टी फोगिंग का पूरा इस्तेमाल करे। बाजार एरिया में भी नियमित फोगिंग करवाये।
जागरूकता के लिए लगाये गये हैं बैनर:
डेंगू एवं चिकनगुनिया की रोकथाम के लिए जागरूकता लायी जा रही है। इसके लिए शहर के प्रमुख जगहों पर जागरूकता बैनर लगाए गए हैं। सभी स्वास्थ्य संस्थानों के परिसर तथा प्रमुख स्थानों पर बैनर लगाया गया है। स्कूलों में विद्यार्थियों को डेंगू क प्रति जागरूकता लाने के लिए वेक्टर जनित नियंत्रण पदाधिकारी द्वारा जानकारी दी जा रही है। डेंगू लार्वा की खोज के लिए जिले में डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर के रूप में प्रत्येक प्रखंड में पांच आशा फैसिलिटेटर को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। आशा फैसिलिटेटर घर—घर जाकर डेंगू लार्वा की खोज करेंगी एंव निरोधात्मक उपाय करेंगी। जिला अंतर्गत सदर अस्पताल में एलिसा एनएस1 से जांच की जा रही है। डेंगू एंव चिकनगुनिया नियंत्रणार्थ कार्यक्रमों के संचालन एवं अनुश्रवण के लिए एक नोडल पदाधिकारी बनाया गया है। इसके साथ ही डेंगू कंट्रोल रूम बनाया गया है। कंट्रोल रूम का नंबर 8294235135 है। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण दाधिकारी के नेतृत्व में आठ सदस्यीय रैपिड रिस्पांस टीम तैयार किया गया है। जयप्रकाश नाराण अस्पताल के दो लैब टेक्नीशियन को डेंगू का एलिसा रीडर से जांच के लिए प्रशिक्षण दिया गया है। डेंगू मरीजों के उपचार के लिए जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में कुल 116 डेडीकेटेड बेड एवं मेडिकल कॉलेज में 96 बेड उपलब्ध हैं। जयप्रकाश नारायण अस्पताल और जयप्रभा अस्पताल में डेंगू मरीज के बेड के लिए 10—10 मेडिकेटेड मच्छरदानी दिया गया है।