मौसमी कर्मियों की संख्या में बिहार के राज्य सरकार कम कर सिंचाई व्यवस्था को किया चौपट- सत्येंद्र कुमार
विश्वनाथ आनंद ।
औरंगाबाद (बिहार)-बिहार का जल संसाधन विभाग ने इस वर्ष उन मौसमी मेठो की संख्या में भारी कमी कर दी है जिनके दम पर अब तक बिहार में नहरों की सिंचाई व्यवस्था चलती रही है. दरअसल, बिहार में नहरों की देख-रेख करने से लेकर टूट-फूट होने की स्थिति में नहरों की शीघ्र मरम्मत करने तक का कार्य अब तक यही मौसमी कर्मी करते आए हैं ,लेकिन इन ‘मौसमी-कर्मियों’ की संख्या में भारी कमी कर के बिहार सरकार सिंचाई-व्यवस्था को चौपट कर रखा है . जिसका सीधा नुकसान अंततः नहरी क्षेत्र के आम किसानों को होगा . उक्त बातें सिंचाई विभाग,कार्यपालक अभियंता कार्यालय,दाउदनगर के प्रांगण में आयोजित मौसमी कर्मियों की बैठक को संबोधित करते हुए महासंघ(गोप गुट) के जिला सचिव सत्येन्द्र कुमार ने कही.उन्होंने कहा कि जिन ‘मौसमी-कर्मियों’ या ‘मौसमी-मेठों’ के दम पर नहरी क्षेत्रों में अब तक सिंचाई व्यवस्था का जैसे-तैसे संचालन होता आ रहा है ; उनकी संख्या पहले से ही बेहद कम थी. उन्होंने कहा – “अब नए सिरे से इनकी संख्या और ज्यादा कम हो जाने से बिहार में नहरों की पूरी सिंचाई-व्यवस्था पर ही लगभग छिन्न-भिन्न हो जाने का खतरा पैदा हो गया है जिसके भविष्य में दूरगामी कु-परिणाम देखने को मिल सकते हैं.इस बैठक को संबोधित करते हुए महासंघ (गोप गुट) के जिला संरक्षक कृष्णा प्रसाद चंद्रवंशी ने कहा कि मौसमी-मेठों की संख्या घाटा देने के राज्य सरकार के निर्णय का स्थानीय पदाधिकारीगण भी आज मौसमी कर्मियों के खिलाफ एक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं तथा बिना किसी नियम-कायदे के वरीय मौसमी कर्मियों की अनदेखी कर अपने चहेते मौसमी कर्मियों को मनमाने ढंग से काम पर रख रहे हैं . यही नहीं, ऐसा मालूम हुआ है कि स्थानीय पदाधिकारीगण यूनियन के पदधारकों को धमका भी रहे हैं कि यूनियन में काम करने वालों को इसी तरह के बुरे अंजाम भुगतने होंगे. उन्होंने कहा – “पदाधिकारियों के इस ‘मनमानेपन’ को महासंघ यूं हीं चुपचाप देखता नहीं रहेगा बल्कि इसके खिलाफ सख्त पहल लेगा . इस बैठक को संबोधित करते हुए महासंघ (गोप गुट) के जिला कार्यकारिणी सदस्य सुरेन्द्र सिंह तथा राजाराम सिंह यादव ने भी स्थानीय पदाधिकारियों के रवैए की घोर निन्दा की तथा उन्हें यूनियन के दमन करने वाली मानसिकता का परित्याग करने की नसीहत दी ; अन्यथा महासंघ बाध्य होकर उनके खिलाफ जुझारू और धारावाहिक आंदोलन शुरू करेगा. मौसमी कर्मियों की इस बैठक में मौसमी-दैनिक-वेतनभोगी कर्मियों की सेवा नियमित करने तथा सेवा का नियमितीकरण होने तक उन्हें सालों भर काम देने, नहरों पर मौसमी मेठों की संख्या पूर्व की तरह प्रति किलोमीटर एक मौसमी मेठ करने, अभी के स्वीकृत संख्या बल को ध्यान में रखते हुए स्थानीय पदाधिकारियों द्वारा तार्किक ढंग से पहले वरीय मौसमी कर्मियों को हीं काम पर रखने,सभी मौसमी कर्मियों को परिचय पत्र देने,मौसमी कर्मियों को टार्च,सिटी,वर्दी,इत्यादि देने एवं अन्य 17- सूत्री मांगों की पूर्ति हेतु एक व्यापक रणनीति तैयार की गई तथा भविष्य में जुझारू एवं धारावाहिक आंदोलन खड़ा करने के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई.आज की इस बैठक की अध्यक्षता दाऊदनगर सिंचाई प्रमंडलीय कमिटी के अध्यक्ष- रविन्द्र कुमार ने की ; जबकि संचालन संघ के सचिव- अरविन्द कुमार ने किया. इनके अलावा इस बैठक में संघ के राज्याध्यक्ष- जयराम सिंह तथा कोषाध्यक्ष- रविशंकर कुमार, उपाध्यक्ष- छठन राम, पुनदेव यादव,प्रेमशंकर,छोटन बैठा,चंद्रमा सिंह,मुनेश्वर पासवान, रविन्द्र सिंह यादव,विजय चौधरी,सुदामा सिंह, ललन यादव, जयप्रकाश राम,बबन यादव, कमला प्रसाद,मेवालाल, हरिनंदन पासवान,जुगल सिंह,छोटन बैठा, महेन्द्र सिंह, धीरेन्द्र सिंह, सत्येन्द्र पासवान सहित बड़ी संख्या में अन्य मौसमी कर्मी भी मुख्य रूप से उपस्थित थे.