महिलाओं ने अपने पति की दीर्घायु होने की कामना को लेकर वटवृक्ष के समीप किया पूजा अर्चना
विश्वनाथ आनंद .
औरंगाबाद (बिहार)- बिहार के औरंगाबाद के महिलाओं ने प्रातः काल से ही मठ मंदिरों में पूजा अर्चना करते हुए वट वृक्ष के समीप अपने पति की दीर्घायु कामना को लेकर ईश्वर से प्रार्थना किया. इस दौरान महिलाओं ने वट वृक्ष के चारों ओर कच्चे सुते से फेरा लगाया. वही मौसमी फल एवं हाथ के पंखों के साथ पूजा अर्चना किया. विद्वान ब्राह्मणों ने वैदिक मंत्रों के साथ पूजा अर्चना कराते हुए सावित्री, सत्यवान की कथा सुनाइए. महिलाओं ने कहा कि यह महापर्व महिलाओं का आत्मविश्वास, धैर्य, साहस तथा पति की दीर्घायु का पर्व है. इस पर्व को करने से महिलाओं को आत्म बल मिलता है. तथा पति के प्रति प्रेम, स्नेह को दर्शाता है. महिलाओं ने कहा कि पति परमेश्वर के समान है. परमेश्वर की पूजा अर्चना करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. यही कारण है कि महिलाओं ने अपने पति को परमेश्वर के समान मानते हैं. महिलाओं ने कहा कि पूजा अर्चना करने के बाद अपने पति परमेश्वर को पंखों के सहारे ठंडी हवा का एहसास कराते हैं. ताकि उमस भरी गर्मी से राहत मिल सके. श्रीमती सुधा आनंद ने मीडिया से खास बातचीत के दौरान कहा कि महिलाओं द्वारा वट वृक्ष की पूजा प्राचीन काल से किया जा रहा है. यह पूजा महिलाओं को प्रेरणा देती है कि विपरीत परिस्थिति में धैर्य, शक्ति, साहस तथा आत्म बल के साथ हिमालय के चट्टान की तरह खड़ा रहे तो सभी समस्याओं एवं संकटों से निजात प्राप्त किया जा सकता है. उन्होंने आगे कहा कि सावित्री ने भी अपने पति सत्यवान को विपरीत परिस्थिति में संकट आने पर आत्मबल, शक्ति एवं धैर्य का परिचय देते हुए ईश्वर से प्रार्थना कर अपने पति को दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त की थी. जो सभी भारतीय महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है.