बाल विवाह रोकथाम एवं निषेध को लेकर जिला योजना भवन के सभागार में किया गया अनुमंडल पदाधिकारी की अध्यक्षता में बैठक

विश्वनाथ आनंद ।
औरंगाबाद( बिहार )- जिला पदाधिकारी औरंगाबाद के निदेश के आलोक में अनुमंडल पदाधिकारी औरंगाबाद की अध्यक्षता में बाल विवाह रोकथाम एवं निषेध हेतु जिला योजना भवन सभागार में बैठक आयोजित की गई. जिसमें जिला के विभिन्न विभागीय पदाधिकारी यथा शिक्षा, आईसीडीएस, बाल संरक्षण, कल्याण, महिला एवं बाल विकास निगम, जीविका, पुलिस प्रशासन तथा औरंगाबाद सदर अनुमंडल के सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी,अंचल अधिकारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, थाना प्रभारी,मुखियागण,पंचायत प्रतिनिधि,वीडियोग्राफर/ टेंट/केटरर प्रतिनिधि एवं अन्य हितभागियों की उपस्थिति हुई. बैठक की अध्यक्षता करते हुए अनुमंडल पदाधिकारी औरंगाबाद संतन कुमार सिंह ने कहा कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत बाल विवाह करना कानूनन जुर्म है एवं इसके लिए दो वर्ष तक का कारावास और एक लाख तक का जुर्माने का प्रावधान है! उन्होंने कहा कि आप सभी जानते हैं कि आगामी 10 मई को अक्षय तृतीया है और ऐसी मान्यता रही है कि इस दिन को शुभ मानते हुए अधिकांश शादियां होती है! ऐसे में संभावित बाल विवाह को रोकना प्रशासन, पंचायत प्रतिनिधियों और शादी समारोह के हितभागी यथा धर्मगुरु,टेंट, बैंड,बाजा, बत्ती,प्रिंटिंग प्रेस, मैरेज हाॅल इत्यादि की जिम्मेबारी है, इसी उद्देश्य से आज की बैठक रखी गई है, इसके लिए किस प्रकार की रणनीति तैयार की जाए कि एक भी बाल विवाह नहीं हो! ऐसे औरंगाबाद में बाल विवाह की सूचना कम ही है फिर भी निगराणी रखनी आवश्यक है! इसके लिए सबसे पहले प्रखंड स्तर एवं पंचायत स्तर पर जागरुकता कार्यक्रम एवं प्रचार-प्रसार किया जाए तथा सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रखंड के सभी विभागीय पदाधिकारी,थाना प्रभारी, शिक्षक, विकास मित्र, आंगनबाङी सेविका,जीविका कर्मी,जीविका दीदी, सभी धर्मों के धर्मगुरू,टेंट, कैटरर, बैंड-बाजा, बत्ती,मैरेज हाॅल इत्यादि के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर बाल विवाह रोकथाम एवं निषेध की अग्रेतर कारवाई सुनिश्चित करेंगे!

पंचायत स्तर पर माननीय मुखियागण पंचायत स्तरीय कर्मियों, पंचायत प्रतिनिधियों एवं पंचायत के बुद्धिजीवियों,गणमान्य लोगों के साथ बैठक कर बाल विवाह रोकथाम एवं निषेध हेतु अग्रेतर कारवाई सुनिश्चित करते हुए जागरूकता लाऐंगे तथा प्रशासन को सहयोग करते हुए सूचना उपलब्ध करायेंगे ताकि अग्रेतर कारवाई सुनिश्चित की जा सके! उन्होंने कहा कि आप सभी अवगत हैं कि पंचायती राज विभाग द्वारा मुखिया एवं पंचायत प्रतिनिधियों की भी भूमिका इसमें सुनिश्चित की गई है!उन्होंनें कहा कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम का अनुपालन कराने में संबंधित प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी जो कि सहायक बाल विवाह प्रतिषेध पदाधिकारी होते हैं एवं थाना प्रभारी की महत्ती भूमिका होगी! बाल विवाह संबंधित कोई भी सूचना अगर प्राप्त होती है तो त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करें! बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत अनुमंडल पदाधिकारी-सह- बाल विवाह प्रतिषेध पदाधिकारी के स्तर से एक चेतावनी/सूचना भी जारी की गई है ,जो विभिन्न मंदिरों,धार्मिक स्थलों,सार्वजनिक स्थलों, शादी समारोह के हितभागी के प्रतिष्ठानों यथा टेंट, कैटरर, बैंड-बाजा,प्रिंटिंग प्रेस, मैरेज हाॅल इत्यादि पर प्रदर्शित किया जाना है! जिसमें स्पष्ट लिखा गया है कि- ” बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 के तहत 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की एवं 21 वर्ष से कम उम्र के लङके की शादी करना कानूनन जुर्म है!ऐसी शादी को बाल विवाह माना जाता है!इस तरह की शादी में शामिल वर-वधू पक्ष के अभिभावक/संबंधी सहित पंडित/मौलवी/धर्मगुरू,टेंट, कैटरर, बैंड-बाजा,बत्ती, प्रिंटिंग प्रेस, मैरेज हाॅल ,बारात एवं शादी में शामिल वैसे सभी व्यक्ति जिनकी सहभागिता किसी भी रूप में शादी में हुई हो,कानून में उनके लिए दंड का प्रावधान है! इसके लिए दो वर्ष तक का कारावास और एक लाख तक का जुर्माने का प्रावधान है! कानून तोड़ने वाले सभी व्यक्ति दंड के भागी होंगे!” जागरुकता एवं बाल विवाह रोकथाम तथा निषेध हेतु यह एक अहम कार्य किये जाने का निर्णय लिया गया एवं इस हेतु प्रिंटेड चेतावनी/सूचना संबंधितों को उपलब्ध कराया गया!बैठक का संचालन जिला परियोजना प्रबंधक, महिला एवं बाल विकास निगम राजीव रंजन द्वारा किया गया! बैठक में विभिन्न विभागीय पदाधिकारी, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी आईसीडीएस, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी समग्र शिक्षा, सहायक निदेशक बाल संरक्षण, जिला परियोजना प्रबंधक जीविका,कल्याण पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं विभिन्न पंचायत के माननीय मुखियागण एवं पंचायत प्रतिनिधियों संबोधित करते हुए महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए!