डी.ए.वी बिक्रमगंज ने जिला स्तरीय खेल प्रतियोगिता में लहराया परचम
चंद्रमोहन चौधरी ।
कला संस्कृति एवं युवा विभाग तथा बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के तत्वाधान में न्यू स्टेडियम फजलगंज सासाराम में आयोजित जिला स्तरीय विद्यालय खेलकूद प्रतियोगिता में डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल आरा रोड बिक्रमगंज के खिलाड़ियों ने परचम लहराया। अंडर-14 कबड्डी प्रतियोगिता के अंतर्गत जिले से कुल 22 टीमों में डी.ए.वी बिक्रमगंज के खिलाड़ियों ने सभी टीमों को मात देते हुए विजेता होने का गौरव प्राप्त किया। जिसमें छात्रा आराध्या सिंह, अनुराधा कुमारी, आराध्या आर्या, सलोनी कुमारी, विधि मिश्रा, रिया कुमारी, प्रज्ञा पाण्डेय तथा सौम्य भारती ने भाग लिया । नगर आयुक्त यतेन्द्र एवं जिला खेल पदाधिकारी भानु प्रताप सिंह ने खेलाड़ियों को गोल्ड मेडल और प्रसस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।इसके साथ ही साथ विद्यालय में इंटर हाउस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। जिसमें विद्यालय के चार हाउस गंगा, यमुना, कृष्णा, कावेरी के छात्र-छात्राओं ने भाग लिए। इस प्रतियोगिता में विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, गणित तथा अंग्रेजी विषय से चार-चार राउंड प्रश्न पूछा गया। जिसमें सर्वोत्तम अंक प्राप्त कर यमुना हाउस के विद्यार्थियों ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
द्वितीय स्थान कावेरी हाउस रहा जबकि तीसरा स्थान गंगा हाउस को मिला। यमुना हाउस को कल 460 अंक, कावेरी हाउस को 413 अंक तथा तृतीय स्थान पर रहने वाले गंगा हाउस को 291 अंक प्राप्त हुए। इस प्रतियोगिता में विद्यालय के प्रत्येक हाउस के शिक्षक तथा शिक्षिकाओं ने बच्चों को तैयारी कराई थी। इस प्रतियोगिता का संचालन विद्यालय के शिक्षिका नीलम कुमारी तथा शिक्षक विनोद कुमार तिवारी ने किया। जिन्होंने कठिन मेहनत कर इस प्रतियोगिता के लिए उपरोक्त चारों विषय से प्रश्न तैयार किए थे और पूरे ईमानदारी से प्रतियोगिता का संचालन किया अंत में विद्यालय के प्राचार्या कुमारी प्रिया ने विजेता तथा उपविजेता को बधाइयां दी तथा वहां उपस्थित सभी बच्चों तथा शिक्षकों को इसके लिए उन्होंने धन्यवाद दी। उन्होंने कहा कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए इस प्रकार की प्रतियोगिता विद्यालय में एक समय अंतराल के बाद होती रहनी चाहिए तथा विजेता टीम को जीतने के बाद भी झुककर रहना चाहिए उन्होंने कहा कि जब पेड़़ पर फल पक जाते हैं तो पेड़ झुक जाता है, ठीक उसी प्रकार से एक विद्वान व्यक्ति या विजेता टीम को झुककर ही रहना चाहिए।