नवरात्र के दौरान केसपा के मां तारा देवी मंदिर में पूजा अर्चना करने को लेकर श्रद्धालुओं, भक्तों की उमड़ी भीड़- हिमांशु शेखर

विश्वनाथ आनंद ।
टिकारी (गया)- नवरात्र के दौरान माँ तारा देवी मंदिर, केसपा में भक्तों श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी है. बताते चलें कि शनिवार की मध्यरात्रि में मंदिर में निशाबलि की पूजा आयोजित किया जाता है। पूर्व में निशाबलि पूजा के दौरान मंदिर प्रांगण में पीपल वृक्ष के नीचे बलि प्रथा की परंपरा थी, लेकिन महानधर्म ज्ञाता राहुल संस्कृत्यान एवं वीर रामचंद्र के आवाह्नन पर ग्रामीण स्व पारस सिंह एवं स्व प्रयाग नारायण सिंह के सहयोग से 1938 में बलि प्रथा परंपरा का अंत हुआ। तभी से बलिप्रथा के स्थान पर भूरा दान की परंपरा की शुरुआत किया गया है।निशाबलि पूजा के दौरान माता का विशेष श्रृंगार किया जाता है। माता को नए वस्त्र, मुकुट, पुष्प माला एवं अन्य श्रृंगार से सजाया जाता है। मान्यता है की माता का श्रृंगार दर्शन करने पर से हर मनोकामना पूर्ण होती है,इसलिए श्रृंगार दर्शन देखने के लिए दूर-दूर से भक्तगण आया करते हैं। आज प्रातः काल से माता का श्रृंगार दर्शन करने के लिए दूर-दूर से भक्तगण आ रहे है।

आज पटना उच्च न्यायालय के असिस्टेंट रजिस्ट्रार सिद्धार्थ कुमार, क्षेत्रीय विधायक डॉ अनिल कुमार, लोजपा नेता प्रो डी एन सिन्हा एवं मीडियाकर्मी सहित हजारों की संख्या में भक्तगण माता का दर्शन करने आए है। सिद्धार्थ कुमार ने मंदिर परिसर में अतिथि टिप्पणी पुस्तिका में अपने विचारों को लिखा।आज अष्टमी कीसंध्या वेला में प्रदेश स्तर के कलाकार द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति किया जाएगा। मंदिर प्रांगण में ज्ञान गंगा पब्लिक स्कूल के सौजन्य से भक्त जनों के लिए शरबत की व्यवस्था किया गया था।सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु शेखर ने सरकार से यहां दशहरा महोत्सव आयोजन कराने की मांग किया है। बिहार सरकार केसपा गांव के साथ सौतेलापन व्यवहार कर रही है। एक ओर बेलागंज प्रखण्ड स्थित मेन गांव में सावन महोत्सव एवं दशहरा महोत्सव दोनों का आयोजन बिहार सरकार द्वारा किया जाता है, जबकि केसपा गांव स्थित माँ तारा देवी मंदिर शक्तिपीठ के रूप में जाना जाता है,और यंहा सरकार की ओर से किसी तरह का कोई भी कार्यक्रम आयोजित नही किया जाता है। सरकार को यहां दशहरा महोत्सव का आयोजन करना चाहिए। केसपा ग्राम में माँ तारा देवी मंदिर के अलावा भगवान गौतम बुद्ध प्रतिमा, गरुड़ पर सवार भगवान विष्णु की प्रतिमा एवं सूर्य मंदिर लोक आस्था का प्रमुख केंद्र है। इस गांव में पर्यटन की असीम संभावना है। सरकार को इस गांव को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करना चाहिए।

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