काश! गांधी व शास्त्री जी के सपनों को आज व्यावहारिक रूप दिए होते- डॉक्टर विवेकानंद मिश्र

विश्वनाथ आनंद ।
गया (बिहार )- गया के स्थानीय विसार तालाब न्यू एरिया स्थित पलुहड हाउस के प्रांगण में महात्मा गांधी व लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती समारोह मनाई गई. उपस्थित बड़ी संख्या में लोगों ने गांधी व शास्त्री जी की प्रतिमा पर अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित किया. समारोह का शुभारंभ बिहार के जाने-माने साहित्यकार कौटिल्य मंच के मुख्य संरक्षक आचार्य राधा मोहन मिश्रा माधव ने किया.उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि हमारे यहां महापुरुषों के वचन सदियों से चर्चा का चिंतन का विषय रहा है. गांधी जी और शास्त्री जी का चिंतन और दर्शन भी शांति बंधुत्व सहिष्णुता विकास जैसे विचारों से अनुप्राणित था. समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान के राष्ट्रीय महासचिव डॉ विवेकानंद मिश्र ने अपने संबोधन में कहा महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री जी मानवीय मूल्यों के पोशक संरक्षक युगश्रष्ठा थे.किंतु उन्होंने जो आजाद भारत का सपना देखा था काश! उनके सपनों को हम सब व्यवहारिक रूप दिए होते तो आज भारत का स्वरूप उज्जवल समृद्ध भारतीयों का होता .महासभा एवं कौटिल्य मंच के संरक्षक शिवचरण डालमिया ने कहा कि गांधीजी केवल राजनीतिक स्वतंत्रता ही नहीं अपितु जनता की सामाजिक आर्थिक उन्नति के साथ स्वाभिमान की रक्षा भी चाहते थे.

वहीं भारतीय राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अधिवक्ता एस के पाठक ने कहा कि गांधी और शास्त्री जी के दर्शन के बिना शांति व मानव अधिकारों की रक्षा का कल्पना भी बेमानी है. कौटिल्य मंच प्रदेश सचिव कुमारी रुबी एवं किरण पाठक ने कहा कि पश्चात आधुनिकता का विरोध कर हमें यथार्थ को पहचानने का रास्ता महात्मा गांधी और शास्त्री जी ने दिखाया था ,जिसे हम लोगों ने नजर अंदाज किया, किंतु उनके विचार आज भी उतने ही महत्वपूर्ण प्रासंगिक हैं, जितने उनके समय थे.विशिष्ट अतिथि के रूप में कौटिल्य मंच के प्रदेश सचिव एवं मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान के सदस्य राजीव नयन पांडेय ने कहा कि महात्मा गांधी ने लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के उस उद्घघोष कि स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है ,को महामंत्र मानकर अपने चिंतन को उसी दिशा में मोड़कर गुलामी से छुटकारा दिलाने में सफलता पाई.
महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती समारोह के अवसर पर पलुहड़ हाउस में उपस्थित होकर जिन्होंने गांधी एवं शास्त्री जी को श्रद्धा सुमन अर्पित कर अपने विचार प्रकट किया उनमें प्रमुख रूप से प्रोफेसर रीना सिंह ,कुमारी अश्विनी, नीलम पासवान, ममता कुमारी, शंभू गिरी ,सारिका वर्मा वार्ड नंबर 37 पार्षद प्रतिनिधि सुनील बंबईया, नागेंद्र पांडे ,सुभाष, कविता राउत, देवेंद्र नाथ मिश्रा ,सुमोतारा चक्रवर्ती, डॉ ज्ञानेश भारद्वाज, रंजीत पाठक, पवन मिश्रा, नीरज वर्मा ,पार्वती देवी, प्रियंका मिश्रा, पियूषा गुप्ता ,ममता कुमारी, संगीता कुमारी ,दीपक पाठक, अधिवक्ता नागेश चंद्र पांडे, मालती देवी ,बेबी देवी ,लक्ष्मण विश्वकर्मा ,नागेंद्र सिंह राजाराम विश्वकर्मा ,पूर्व उप मुखिया दुलारचंद पासवान, कुमारी कविता, शीला सिंह, राजीव कुमार मेहता का नाम शामिल है.अंत में कौटिल्य मंच के प्रदेश सचिव एवं मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान के सदस्य योगेश चंद्र पांडे ,पिंकू बाबू आगत अतिथियों का स्वागत कर धन्यवाद ज्ञापित किया.

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