केके पाठक के आदेश का उड़ाई गई धज्जियां, सुबह 11 बजें छुट्टी देकर गहरी निंद्रा में पकड़े गए प्रभारी प्रधानाध्यापक
चंद्रमोहन चौधरी ।
जांच के दौरान विद्यालय में पाई गई भारी अनियम्ता
बच्चों व अभिभावकों ने प्रधानाध्यापक पर लगाए कई गंभीर आरोप
बिहार में शिक्षा विभाग लगातार सुर्खियों में है। ताजा मामला काराकाट प्रखंड क्षेत्र के मोथा पंचायत में स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय रघुनाथपुर का है, जहां अजीबोगरीब मामला सामने आया है। जहां स्कूल प्रबंधक द्वारा 12.अगस्त दिन मंगलवार सुबह 11 बजे ही छात्र-छात्राओं को छुट्टी देकर क्लास में नींद फरमाते स्कूल के हेडमास्टर रंगे हाथ पकड़े गए है। बताते चलें कि उत्क्रमित मध्य विद्यालय रघुनाथपुर में कुछ अभिभावक क्षेत्र के मीडिया कर्मी के साथ स्कूल परिसर में दाखिल हुए। जहां स्कूल परिसर में सन्नाटा देख क्लास रूम की ओर बढ़े तो क्लास रूम में स्कूल के हेडमास्टर गहरी नींद में सोते पाए गए। जब इस मामले में गांव के लोगों से सवाल किया गया तो गांव के लोगों ने एक सुर में हेडमास्टर पर कई आरोप लगाए।
विद्यालय में कुल 11 शिक्षक बहाल है। परंतु आठ शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज है। वही प्रधानाध्यापक द्वारा क्लास रूम के पंखा चला कर आराम से खर्राटेदार नींद मारा जा रहा हैं। प्रधानाध्यापक से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि जब बच्चें नहीं है तो क्या करते सोए हुए है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक का निर्देश है कि कोई भी अपने कार्य में अगर लापारवाही करता है तो उसे तत्काल कानूनी कार्यवाही किया जाएगा। लेकिन इस विद्यालय के शिक्षकों को तो कोई परवाह ही नहीं है, चाहे वह बिहार सरकार का आदेश हों या शिक्षा विभाग के आदेश हो। वहीं जब प्रधानाध्यापक से पूछा गया कि अगर आपके विद्यालय में बच्चा नहीं है तो इसकी सूचना आप प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को दिए हैं। तो उन्होंने बताया कि इसकी सूचना प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को दिए हैं, मगर जब प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से बात किया गया तो उन्होंने कहा कि हमें कोई ऐसी सूचना प्राप्त नहीं हुई है। स्कूल के प्रधानाध्यापक ने काराकाट प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि सब उन्ही का निर्देश अनुसार विद्यालय में हो रहा है। कई महीनों से बिना कोई लिखित आदेश के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा एक शिक्षक प्रेम कुमार रंजन को अपने साथ प्रति दिन ले जाकर निजी काम कराया जा रहा है। विद्यालय में प्रतिदिन हाजरी बना कर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के साथ चले जाने से स्कूल के पठन, पाठन में काफी कठिनाई होती है। परंतु विभागिए अधिकारियों की मनमानी के आगे सब कुछ फेल है। वहीं जब विद्यालय के सूची में देखा गया तो 11 शिक्षक हैं। जिसमें में एक शिक्षिका 27 अगस्त से इस विद्यालय में पदस्थापित हैं। जब मामले की जानकारी विद्यालय के शिक्षकों से लिया गया तो शिक्षकों ने बताया कि आज तक इस विद्यालय में कभी भी शिक्षिका नहीं आई है। वहीं शिक्षकाें ने बताया कि शिक्षिका का पेमेंट पहले से होते आया है, अभी तत्कालीन क्या स्थिति है इसकी जानकारी काराकाट प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी दे पाएंगे। फिलहाल मामला देखने से लगता है कि इसमें अधिकारीयों का भी मिलीभगत है। इसमें अधिकारी और कर्मचारी की संलिप्तता स्पष्ट झलक रही है। वहीं जब इस मामले में काराकाट प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कलीम अहमद से पूछा गया तो मामले की जांच कर कार्रवाई करने की बात कही है।