वंदे भारत ट्रेन केवल चंद पूंजीपतियों के लिए _ कांग्रेस
मनोज कुमार ।
गरीब और मध्यवर्गीय परिवार का लाइफलाइन कहे जाने वाले भारतीय रेल जिसके सहारे देश के करोड़ों देशवासियों का एक जगह से दूसरे जगह आने, जाने की सबसे सस्ता एवम् सुगम माना जाता है।
वंदे मातरम ट्रेन में गया से पटना केवल 94 किलोमीटर दूरी की भाड़ा एक्सक्यूटिव क्लास भोजन के साथ 995 ₹, बिना भोजन के 825 ₹, वही चेयर कार में भोजन के साथ 565 ₹, तथा बिना भोजन के 430 ₹ है ।
बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह क्षेत्रीय प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिठू, पूर्व विधायक मो खान अली, जिला कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष डा गगन मिश्रा, उपाध्यक्ष राम प्रमोद सिंह, बाबूलाल प्रसाद सिंह, उदय शंकर पालित, दामोदर गोस्वामी, शिव कुमार चौरसिया, विपिन बिहारी सिन्हा, कुंदन कुमार, युवा कांग्रेस अध्यक्ष विशाल कुमार, सुरेंद्र मांझी, विनोद उपाध्याय, सुजीत कुमार गुप्ता, राजेश अग्रवाल, मो समद, असरफ इमाम आदि ने कहा की गया से पटना जिसका पैसेंजर ट्रेन का भाड़ा केवल 25₹ है, लेकिन कॉरोना महामारी के समय मोदी सरकार आपदा को अवसर बना कर सभी केवल एक ट्रेन को छोड़ सभी पैसेंजर ट्रेनों के नाम के आगे स्पेशल जोड़ कर किराया दुगुना यानी 50₹ कर दिया,जो एक्सप्रेस ट्रेन के भाड़ा के बराबर है, तथा दूसरी ओर उसी समय से वर्षो से वरिष्ठ नागरिकों, खिलाड़ियों, पत्रकारों आदि को रेलवे किराया में मिलने वाले रियायत को भी समाप्त कर दिया गया है।
नेताओ ने कहा अब गरीब, मध्यवर्गीय परिवार को वंदे मातरम् ट्रेन जिसका किराया पैसेंजर से 20 गुना तथा एक्सप्रेस से 10 गुना कर उनके जले शरीर पर नमक छिड़कने के समान है क्योंकि गरीब मध्यवर्गीय परिवार गया से पटना के लिए चेयर कार का भाड़ा 430 ₹ देने में सक्षम नहीं है।
नेताओ ने कहा की यू पी ए शासन काल में गरीबों को सस्ते दर में ए सी गरीब रथ चलाया गया जिसका गया से दिल्ली का 994 किलो मीटर का भाड़ा केवल 1250 ₹ है।
नेताओ ने माननीय प्रधानमंत्री, केंद्रीय रेल मंत्री से बंदे मातरम ट्रेन के निर्धारित भाड़ा में 50 % की कमी कर चेयर कार का भाड़ा 215 ₹ तथा एक्सक्लूसिव क्लास का 412 ₹ करने की मांग किया है, ताकि देश के अधिसंख्य गरीब और मध्यवर्गीय परिवार भी इसमें सफर कर सके।
नेताओ ने इसके अलाव वर्षो से कॉविड 19 के समय से बंद वरिष्ठ नागरिकों, खिलाड़ियों, पत्रकारों के मिलने वाली रियायत को चालू किया जाए।