विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य पर “प्लास्टिक प्रदूषण से मुक्ति” विषय पर जनजागरूकता अभियान आयोजित…

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आज दिनांक 4 जून 2025 को पर्यावरण दिवस के अवसर पर वन प्रमंडल पदाधिकारी (गया वन प्रमंडल गया) के निर्देशन में एक विशेष जनजागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। इस वर्ष पर्यावरण दिवस की थीम “प्लास्टिक प्रदूषण से मुक्ति” रही, जिसे ध्यान में रखते हुए गया वन प्रमंडल के अतरी वन प्रक्षेत्र के वनों के क्षेत्र पदाधिकारी श्री निरंजन कुमार द्वारा अपने अधीनस्थ वनपाल(प्रिंस कुमार)और वनरक्षकों की उपस्थिति में मोहड़ा प्रखंड के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय, सेवतर में यह अभियान सफलतापूर्वक संचालित किया गया।

 

कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय परिसर में छात्राओं की उपस्थिति में पर्यावरण की महत्ता और वर्तमान समय में प्लास्टिक प्रदूषण की भयावहता पर संवाद से हुई। श्री निरंजन कुमार ने बच्चों को बताया कि किस प्रकार प्लास्टिक, विशेषकर सिंगल यूज़ प्लास्टिक, न केवल पर्यावरण बल्कि मानव स्वास्थ्य, पशु-पक्षियों और जलवायु पर भी विपरीत प्रभाव डालता है।

 

उन्होंने समझाया कि प्लास्टिक सैकड़ों वर्षों तक नष्ट नहीं होता, जिससे यह मिट्टी की उर्वरता को प्रभावित करता है, जल स्रोतों को प्रदूषित करता है और समुद्री जीवन को खतरे में डालता है। बच्चों को यह भी बताया गया कि प्लास्टिक जलाने से जहरीली गैसें उत्पन्न होती हैं जो मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक होती हैं।

 

इस अवसर पर वैकल्पिक उपायों पर भी विस्तार से चर्चा की गई। छात्रों को बताया गया कि प्लास्टिक के बजाय कपड़े, कागज़, जूट और स्टील के उपयोगी विकल्प अपनाकर हम अपने पर्यावरण को संरक्षित रख सकते हैं। दैनिक जीवन में पुनः उपयोग (re-use) और पुनः चक्रण (recycle) की आदतें अपनाने की प्रेरणा दी गई।

 

कार्यक्रम के दौरान उपस्थित सभी छात्राओं और विद्यालय स्टाफ को एक सामूहिक शपथ दिलाई गई, जिसमें उन्होंने संकल्प लिया कि वे:

 

सिंगल यूज़ प्लास्टिक का उपयोग नहीं करेंगे,

 

प्लास्टिक का सही तरीके से निपटान करेंगे,

 

पर्यावरण को स्वच्छ एवं संरक्षित रखने में सक्रिय भूमिका निभाएंगे।

 

 

शपथ ग्रहण समारोह के पश्चात विद्यालय परिसर में पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। छात्राओं ने वन विभाग के अधिकारियों के मार्गदर्शन में पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। इस पहल का उद्देश्य छात्रों में पर्यावरण के प्रति ज़िम्मेदारी की भावना जागृत करना था।

 

इस अवसर पर श्री निरंजन कुमार(वनों के क्षेत्र पदाधिकारी)ने कहा, “बच्चे देश का भविष्य हैं, और अगर आज हम उन्हें पर्यावरण के प्रति जागरूक बनाते हैं, तो कल वे स्वयं समाज में जागरूकता फैलाएंगे। सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर नियंत्रण और हरित जीवनशैली अपनाने की दिशा में आज का यह छोटा कदम आने वाले समय में बड़े बदलाव का आधार बन सकता है।”

 

कार्यक्रम में उपस्थित विद्यालय की प्राचार्या ने वन विभाग के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के अभियानों से छात्राओं में पर्यावरण के प्रति चेतना और संवेदनशीलता बढ़ती है, जो शिक्षा के साथ-साथ उनके समग्र विकास के लिए भी आवश्यक है।

 

इस जनजागरूकता अभियान में छात्राओं, विद्यालय के शिक्षकों, वनपालों, वनरक्षकों की भागीदारी रही। सभी ने एकमत होकर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सतत प्रयास करने की प्रतिज्ञा ली।

 

गया वन प्रमंडल द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम न केवल विद्यार्थियों के लिए जानकारीवर्धक रहा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति सामाजिक ज़िम्मेदारी को भी प्रोत्साहित करने वाला रहा। वन विभाग की यह पहल निश्चित रूप से आने वाले समय में ग्रामीण क्षेत्रों में प्लास्टिक प्रदूषण के प्रति जागरूकता फैलाने और हरित अभियान को मजबूती देने का कार्य करेगी।