1857 के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक थे बाबू वीर कुंवर सिंह : डॉ मनीष रंजन

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चंद्रमोहन चौधरी ।
बिक्रमगंज। वीर कुंवर सिंह महाविद्यालय धारूपुर में वीर श वीर कुंवर सिंह की जयंती बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा के सीनेट सदस्य सह भाजपा शिक्षक प्रकोष्ठ के प्रदेश महामंत्री डॉ मनीष रंजन ने वीर कुंवर सिंह के चित्र पर पुष्पमाला अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि दी। डॉ रंजन ने कहा कि वीर कुंवर सिंह 1857 में अंग्रेजों को भारत से भगाने के लिए शुरू स्वतंत्रता संग्राम के महानायक थ। उस संग्राम में हिंदू और मुसलमानों ने मिलकर कदम बढ़ाया। कुंवर सिंह ने अपने सेनापति मैकु सिंह एवं भारतीय सैनिकों का नेतृत्व किया। इन्होंने 23 अप्रैल 1858 में, जगदीशपुर के पास अंतिम लड़ाई लड़ी।

ईस्ट इंडिया कंपनी के भाड़े के सैनिकों को इन्होंने पूरी तरह खदेड़ दिया।उस दिन बुरी तरह घायल होने पर भी इस बहादुर ने जगदीशपुर किले से गोरे पिस्सुओं का “यूनियन जैक” नाम का झंडा उतार कर ही दम लिया। वहाँ से अपने किले में लौटने के बाद 26 अप्रैल 1858 को इन्होंने वीरगति पाई। ऐसे महापुरुष के नाम पर धारूपुर ग्राम निवासी राजबहादुर सिंह ने यहां वीर कुंवर सिंह डिग्री महाविद्यालय की स्थापना की। जो पूरे शाहाबाद का एक अनोखा संबद्ध महाविद्यालय है। जिसके शिक्षक सीनेट एवं सिंडिकेट के सदस्य हैं। कार्यक्रम में प्रभारी प्राचार्य प्रो सुरेन्द्र कुमार सिंह, प्रो बीर बहादुर सिंह, प्रो उमाशंकर सिंह, प्रो विजय सिंह, प्रो ज्ञान प्रकाश सिन्हा, प्रो अनील सिंह, प्रो अजय सिंह, प्रो दिनेश कुमार, प्रो कुमार विवेक, प्रो बलवंत सिंह, प्रियतम कुमार, अभय कुमार सिंह, रोहित कुमार तिवारी, अजय मिश्रा, राजेश्वर सिंह, मंटू कुमार चौधरी, परवेज खान आदि लोग उपस्थित थे।