भारत में ज्ञान की संस्कृति पुनर्स्थापित होगी- राज्यपाल

दिवाकर तिवारी ।
राज्यपाल ने संस्कृत मंत्रों का किया उच्चारण, कहा- आजादी के 100 वर्ष पूरे होने पर गुलामी के दाग धुल जाएंगे
सासाराम। रोहतास जिले के बिक्रमगंज में मंगलवार को हिंदू नव वर्ष बड़े हीं धूमधाम से मनाया गया। बिक्रमगंज के धावा पुल के समीप एक निजी विद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम का बिहार के महामहिम राज्यपाल आरिफ मोहमद खान, बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह एवं आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य इंद्रेश कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वल्लित कर शुभारंभ किया। हिंदू नव वर्ष कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है। भारत की आजादी के जब 100 साल पूरे हो तो शताब्दियों के गुलामी के दाग पूरी तरह धूल जाने चाहिए और यह तभी संभव होगा जब भारत में ज्ञान की संस्कृति दोबारा पुनर्स्थापित होगी। जब हमारी बुद्धि-विवेक और ज्ञान बढ़ेगी, तो हम अपने समाज को टुकड़ों में नहीं बांटेंगे। अंदर से टुकड़ों में बंटा हुआ समाज ना विकास कर सकता है, ना प्रगति कर सकता है और ना ख्याति प्राप्त कर सकता है। इसलिए जब हम एक होंगे तो भारत को विकसित राष्ट्र बनने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने बिहार तथा बिहार के छात्रों की प्रशंसा की तथा कहा कि बिहार के लोग अगर दिल्ली और मुंबई जैसे शहर से निकल जाए तो इन महानगरों की तमाम गतिविधियां ठप हो जाएंगी। आज तमाम केंद्रीय परीक्षा में बिहारी छात्र-छात्राओं का दबदबा है। बिहार के लोग बिहार में अलग-अलग सामाजिक परिवेश में रहते देखे जाते हैं, लेकिन जब किसी भी जाति-धर्म का बिहारी दूसरे प्रदेशों में काम करने जाता है, तो वहां सभी बिहारी हो जाते हैं।
राज्यपाल ने प्रधानमंत्री का किया तारीफ
राज्यपाल ने कहा कि दुनिया मानती है कि आण्विक शक्ति संपन्न होने के बाद भी भारत गैर जिम्मेदाराना हरकत नहीं करता। उन्होंने प्रधानमंत्री की जमकर तारीफ की और कहा कि भारत को वर्ष 2047 तक एक विकसित राष्ट बनाने की परिकल्पना को साकार करने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है। जो अवश्य पूरा होगा। आज हम हिन्दू नववर्ष का उत्सव मना रहे है और दुनिया भारत की संस्कृति का आमरण करती है। इस दौरान उन्होंने कई संस्कृत मंत्रों का भी उच्चारण किया और कहा कि भारतीय संस्कृति में मेरी भी बहुत आस्था है। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए बताया कि शंकराचार्य जी केरल से निकलकर नर्मदा के तट पर गुरु की तलाश में जा रहे थे, तभी उन्हें एक संत मिले और उन्होंने चर्चा के दौरान शंकराचार्य से पूछ डाला कि आप कौन हैं? प्रश्न के उत्तर में शंकराचार्य ने कहा कि यहीं तो मैं जानने आया हूं कि मैं कौन हूं? आगे कहा कि व्यक्ति का परिचय मां-बाप या घर से नहीं हो सकता। हमारा पहचान तो हमारे आत्मा से है, क्योंकि आत्मा का कभी नाश नहीं होता। आगे उन्होंने भारत के प्राचीन भौगोलिक क्षेत्र पर भी चर्चा की और कहा कि हमने दुनिया के देशों को हड़पने का कभी प्रयास नहीं किया, बल्कि शासन के सुधार में हमने सहयोग किया। भगवान राम का उल्लेख करते हुए कहा कि राम ने जब लंका पर विजय प्राप्त किया तो उन्होंने वहां के लोगों के लिए सुधार किया और लंका को लंकावासियों के लिए सौंप दिया। हमारी संस्कृति दूसरे को सहयोग करने पर आधारित रही है।
हम बदलेंगे तो देश बदलेगा- इन्द्रेश
आरएसएस के इन्द्रेश कुमार ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक सभ्यता और पहचान पुरे दुनिया में अलग है। जब पृथ्वी की सरंचना हुई तो सबसे पहले भारत का निर्माण चैत शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के दिन हुआ। जिसे हम आज के दिन नव वर्ष के रूप में मनाते है। दुनिया में भारत की काल गणना शुरू से हीं 12 माह की रही, लेकिन कुछ अन्य धर्म पंथियों में कम थे, जिसे बाद में सुधारा गया। उन्होंने जोर देकर कहा कि आज पूरी दुनिया में भारत और मोदी की जय हो रही है। हम बदलेंगे तो देश बदलेगा। संघ प्रचारक इंद्रेश कुमार ने बताया कि आज ही के दिन एक अरब 98 करोड़ वर्ष पूर्व हमारी धरती अस्तित्व में आई। प्रकृति का उद्भव भी आज ही के दिन हुआ था। उन्होंने क्रोध, नफरत, अवसाद तथा तृष्णा जैसे बुराइयों को त्यागने का आह्वान किया तथा कहा कि अफ्रीका और जर्मनी में कई देशों को मिलाकर संघ का निर्माण हो सकता है तो फिर भारत अपने प्राचीन अस्तित्व को क्यों नहीं वापस ला सकता।
राज्यपाल का सभापति ने की सराहना
विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने अपने संबोधन में राज्यपाल के बारे में परिचय कराते हुए लोगों को बताया कि हमारे राज्यपाल जहां रामायण, महाभारत और कुरान की अच्छी जानकारी रखते हैं, वहीं भारतीय संस्कृति से ओतप्रोत और स्वदेश प्रेम को जगाने वाले व्यक्तित्व हैं।
अतिथियों का हुआ सम्मान
हिंदू नव वर्ष उत्सव कार्यक्रम के भाजपा के पूर्व विधायक राजेश्वर राज आयोजक रहे, जबकि अतिथियों का स्वागत अखिलेश कुमार सिंह ने किया। कार्यक्रम से पूर्व स्कूली छात्राओं ने राष्टीय गीत गया। फिर दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत उदघाटन किया गया। इसके बाद आगत अतिथियों का सम्मान बुके, मेमोटो व अंग वस्त्र भेट कर किया गया। पूर्व में भोजपुरी के चर्चित कलाकार लाल जी मिश्रा व मंदाकिनी मिश्रा आदि कलाकारों ने शिरकत करने आए लोगो का भक्ति आदि गीतों से भरपूर मनोरंजन किया। मौके पर पूर्व विधायक रामेश्वर चौरसिया, राणा प्रताप जी, नारायणाचार्य, स्वामी अरविंद आचार्य जी, तांत्रिक लक्ष्मण बाबा, दिनेश कुमार आदि ने उपस्थित रहे।