विभूतियों को सम्मानित कर सरकार ने न केवल बिहार बल्कि देश की अनमोल धरोहरों को भी मान्यता दी है

बिहार के तीन विशिष्ट विभूतियों को भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण सम्मान से सम्मानित किया जाना न केवल उनके योगदान की सराहना है, बल्कि पूरे बिहारवासियों के लिए गर्व का विषय है। पूर्व उपमुख्यमंत्री स्वर्गीय सुशील कुमार मोदी, लोकगीत गायिका स्वर्गीय शारदा सिन्हा, और पूर्व आईपीएस अधिकारी एवं धार्मिक न्याय बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष किशोर कुणाल ने अपने-अपने क्षेत्रों में अद्वितीय योगदान दिया है। इन तीनों महान विभूतियों को पद्म भूषण सम्मान मिलना बिहार की सांस्कृतिक, राजनीतिक और धार्मिक विरासत का सम्मान है।राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मनीष पंकज मिश्रा ने इस उपलब्धि पर देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए कहा कि इन विभूतियों को सम्मानित कर सरकार ने न केवल बिहार बल्कि देश की अनमोल धरोहरों को भी मान्यता दी है।
सुशील कुमार मोदी ने अपने राजनीतिक जीवन में बिहार को नई दिशा दी, जबकि शारदा सिन्हा ने अपने गीतों के माध्यम से बिहार की लोकसंस्कृति को वैश्विक स्तर पर पहुंचाया। वहीं, किशोर कुणाल ने धार्मिक और सामाजिक कार्यों के माध्यम से समाज में सद्भाव और एकता की भावना का प्रसार किया।यह सम्मान इन विभूतियों के कार्यों और योगदान की मान्यता है, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा। बिहारवासियों के लिए यह गौरव की बात है कि उनके राज्य के ऐसे व्यक्तित्वों को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दी गई। प्रधानमंत्री मोदी के इस निर्णय ने देश के सांस्कृतिक और सामाजिक मूल्यों को मजबूती प्रदान की है। खुशी का इजहार करने वालों में भाजपा जिला उपाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद अधिवक्ता राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन के कार्यवाहक अध्यक्ष राणा रणजीत सिंह जिला मीडिया प्रभारी संतोष ठाकुर सुनील बंबईया मंटू कुमार वह ज्यादा बबलू गुप्ता सहित अन्य लोग उपस्थित हुए.