बड़े भाई साहेब ,बाल मन की तस्वीर: डॉ राजन

-बाल मन स्वच्छंद होता है
विश्वनाथ आनंद
टिकारी (बिहार)- कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित कहानी बड़े भाई साहेब बाल मन की स्वाभाविक तस्वीर है। बाल मन स्वच्छंद होता है, परन्तु पढ़ाई का बोझ और जिम्मेदारियां उसके मन को अधिक प्रभावित करते हैं । बड़े भाई के साथ घटी एक घटना कहानी के उसकी छिपी हुई बचपन को ऊपर ले आती है।नगर के टिकारी राज इंटर स्कूल,टिकारी के परिसर में कहानी विथ कॉफी के चतुर्थ कड़ी के रूप में आयोजित बड़े भाई साहेब कहानी पर चर्चा के दौरान वक्ताओं ने यह बात कही ।बीपीएल ग्लोबल स्कूल के शिक्षक अनिल राव ने कहा कि साहित्य से समाज को जोड़ना प्रबुद्ध लोगों का पहला कर्तव्य है। साहित्य से जुड़ा युवा कभी पथ विचलित नहीं होता।
उन्होंने कहा कि कहानी और कविता से जुड़ी ऐसे कार्यक्रमों की अत्यंत आवश्यकता है। कार्यक्रम को अपने संबोधन में हिंदी के प्राध्यापक डॉ राजन ने कहा कि बड़े भाई साहेब कहानी बाल मन की बचपना , भाई का प्रेम , जिम्मेदारी जैसी मनोभावों से भरी हुई है। कहानी की शुरुआत विद्यालय के नवम ए कक्षा के छात्र अभिषेक कुमार एवं सूरज कुमार द्वारा कहानी के भावपूर्ण ढंग से नाट्य रूप से प्रस्तुत किया गया ।बच्चों ने अपने संवाद और कलाकारी से सभी का दिल जीत लिया l उपस्थित श्रोता समाज ने कहा कि टिकारी के धरती पर वे इस तरह की कहानी का नाट्य रूपांतरण पहली बार देख रहे हैं lबच्चों ने अपनी प्रस्तुति का श्रेय अपने संगीत शिक्षक मनु मनी सर एवं वर्ग शिक्षक राहुल सर को दियाl कार्यक्रम का संचालन संजय अथर्व ने किया और धन्यवाद ज्ञापन संगीत शिक्षक मनु मणि ने की l इस कार्यक्रम में नारायण मिश्रा, हिमांशु शेखर, राजेश कुमार, सुशील मिश्रा, नदीम हसन सहित दर्जनों लोगों ने भाग लिया ।