डॉ प्रेम कुमार,माननीय मंत्री, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार द्वारा समीक्षात्मक बैठक

मनोज कुमार ।

दिनांक 25 जनवरी 2025• आज दिनांक 25 जनवरी 2025 को डॉ प्रेम कुमार,माननीय मंत्री, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार के द्वारा वन प्रमंडल पदाधिकारी गया वन प्रमंडल ,गया , वनों के क्षेत्र पदाधिकारी, गया, वनपाल गया एवं अन्य कर्मियों के साथ वन प्रमंडल अंतर्गत पर्यावरण सुरक्षा , वृक्षारोपण , विकास कार्यों के बारे में सर्किट हाउस, गया में समीक्षात्मक बैठक की गई ।
• वन प्रमंडल पदाधिकारी महोदय के द्वारा माननीय मंत्री जी को बताया गया कि वन भूमि तथा ग़ैर वन भूमि पर वन विभाग द्वारा मानसून के समय पर वृक्षारोपण किया जाता है जिसके लिए इस वर्ष अग्रिम कार्य (पीट खुदाई) जारी है। गया वन प्रमंडल, गया अंतर्गत चार पार्कों यथा गांधी मैदान पार्ट-3 ,पार्ट – 4, गांधी मंडप एवं धनिया बगिचा पार्क का सौंदर्यीकरण कार्य अंतिम चरण में है।

गया वन प्रमंडल गया अंतर्गत 7 तालाबों यथा सरयू, सिंगरा स्थान, खजूरिया, महाद‌लित टोला, गया जी डैम, देवघाट, रामशीला पहाड़ी में जीर्णोद्वार एवं सौंदर्यीकरण कार्य अंतिम चरण में है। पिछले वर्ष ग़ैर वन भूमि के अन्तर्गत गया ज़िले में 10000 लौह गैबियन लगाये गये इनमें मुख्यतः फूलों के पौधे लगाये गये ताकि यातायात को भी अवरोध का सामना ना करना पड़े । नेशनल हाईवे तथा स्टेट हाईवे पर 16700 पौधे लगाये गये हैं , जिससे सडक़ों पर भी हरियाली बढ़ी है। इस वर्ष गया ज़िले में सभी विभागों के द्वारा सम्मिलित रूप से लगभग 2500000 पौधे लगाये गये । वन विभाग के द्वारा इस वर्ष अभिनव प्रयोग भी किया है जिसमें कि ड्रोन के द्वारा दुर्गम पहाड़ियों पर सीड बॉल की मदद से वनरोपण किया गया है । सीड बॉल एक मिट्टी तथा अन्य जैविक खादों को पौधे के बीजों के साथ मिला कर बनाया जाता है जिससे बीज की जीवंत शक्ति बढ़ जाती है तथा यह दुर्गम स्थानों पर भी पौधारोपण करने की क्षमता रखता है । माननीय मंत्री जी के द्वारा इसका शुभारंभ ब्रह्म योनि पहाड़ गया में किया गया था ।इसमें उत्तरजीविता बहुत अच्छी पायी गई है तथा इसपर और अनुसंधान किया जाना है । मियावाकी पद्धति के द्वारा कम स्थान में वन का विकास करने के विषय में भी जानकारी दी गई यह भी एक अभिनव वनरोपण की पद्धति है। कंडी नवाडा में जैव विविधता पार्क का निर्माण किया जाएगा । सिलौंजा में सेवेन वंडर्स पार्क बनाया जाएगा । लघु वन उपज पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। महुआ, शतावर, चिरौंजी , मधु सहजन के चूर्ण को निर्यात के दृष्टि से विकसित किया जाएगा।
• ग्रामीणों को ग्रीष्म काल में जल की उपलब्धता बढ़ाने के लिए वन भूमि के अंदर जल जीवन हरियाली मिशन के अंतर्गत हर खेत को पानी योजना के लिए स्टॉप डैम का निर्माण भी कराया जा रहा है। कृषि वानिकी के अन्तर्गत किसानों को पौधारोपण के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ।
• माननीय मंत्री पर्यावरण , वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग डॉ प्रेम कुमार जी के द्वारा गया वन प्रमंडल पदाधिकारी महोदय के प्रयासों की सराहना की गई। माननीय मंत्री महोदय द्वारा उपरोक्त कार्यों की समीक्षा करते हुए पार्को एवं तालाबों का सौंदरीकरण कार्य जल्द पूरा करने एवं गया शहर के अंतर्गत नए पार्कों की स्थापना हेतु नए जगह के लिए NOC प्राप्त कर पार्कों की स्थापना सुनिश्चित करने हेतु निर्देश दिया गया।