बरसात में जैसे मेढ़क टर्र टर्र करता है वैसे ही चुनाव नजदीक आने पर ये लोग टर्र टर्राते हैं
संजय वर्मा ।
बाढ़ विधायक का चैलेंज “दुनिया की कोई ताकत संजय सिंह को टिकट नहीं दिलवा सकता,ये सब बरसाती मेढक हैं, बरसात में जैसे मेढ़क टर्र टर्र करता है वैसे ही चुनाव नजदीक आने पर ये लोग टर्र टर्राते हैं।” दरअसल यह बौखलाहट है ज्ञानू का जो इस तरह अलबला कर बोल रहे हैं उनको मालूम है कि जिस नीतीश कुमार की विशिष्ट सेवा सत्कार कर राजनीति की दहलीज पर कदम रख जूठन टिकट पर चुनाव लड़ विधायक बने वो जमीन धीरे धीरे खिसक गया अपनी कोई औकात नही न सामर्थ्य ताकत न क्षमता एक शिखंडी बनकर भाजपा में रह गए नीतीश कुमार से अलग होने के बाद। भाजपा उन्हें टिकट देगी काटेगी यह उसका मामला है पर बाढ़ में कभी भी इतना अकर्मण्य विधायक नही हुआ न बाढ़ को जिला बना सका और न ही अपेक्षाकृत विकास ही करा सका जनता समस्याओं से ग्रसित होकर उन्हें खोजती रहती है ।
पर वो उनसे मुह चुरा विधान परिषद में नित्य दोपहर से देर शाम तक अड्डा जमाये रहते खासकर जो वैश्य समाज उनकी जीत सुनिश्चित करता उसके बारे में उनके मगज में गन्दगी भरी है तभी तो इस समाज को अपमानित करने के लिये सार्वजनिक तौर पर गालियां भी दी पिछले चुनाव में ही हारते बचे दरअसल जो कुछ वो बोल गए उससे उनके मानसिक संतुलन पर सवाल खड़े हो गया जहाँ तक संजय सिंह का सवाल है उन्होंने बाढ़ का जब भी दौरा किया जनता ने सर माथे पर बिठाया जनता ने ही उन्हें न्योता दिया कि वो चुनाव बाढ़ से लड़ें यह सबको पता है कि संजय सिंह नीतीश के नाक के बाल हैं ऐसे में ज्ञानू का जो बयान है वो सिर्फ उनकी बौखलाहट घबराहट हताशा निराशा कुंठा को ही परिलक्षित करता है एक कहावत है खकुआल बिलैया खम्भा नोचे उसी को चरितार्थ कर रहे ज्ञानू।