आरसीपी सिंह की नई पार्टी भाजपा या जदयू किसकी बढ़ाएगी टेंशन

संजय वर्मा ।

भाजपा में शामिल होकर लगभग गुमनाम हो गए रामचन्द्र प्रसाद सिंह उर्फ आरसीपी बाबू नई राजनीतिक पार्टी बनाने की दिशा में काफी आगे बढ़ चुके हैं भाजपा में शामिल होने के बाद उन्हें उम्मीद थी कि कद के हिसाब से पद भी मिलेगा उनके समर्थकों को संगठन सरकार में जिम्मेवारी मिलेगी पर ऐसा हो नही पाया या भाजपा ने उस लायक नही समझा उन्हें या समर्थकों को कहीं कोई तवज्जो नही दी गई दो साल तक लम्बा इंतज़ार के बाद कुछ भी नही हासिल हुआ उपेक्षा से आहत समर्थकों ने दवाब बनाना शुरू कर दिया कि अब हाथ पर हाथ धरे रहने का वक्त नही है और फिर अपने समर्थकों कार्यकर्ताओं के दबाव में अलग राजनीतिक दल बनाने की प्रक्रिया में आगे बढ़ गए विधानसभा चुनाव सन्निकट है ऐसे में मंझे हुए राजनीतिज्ञ आरसीपी खामोश कैसे रह सकते ।

अब सवाल है कि उनका जो अपनी पार्टी होगी वो किसका टेंशन बढ़ाएगी भाजपा या जदयू के वैसे वे केंद्रीय मंत्री से लेकर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते पूरे बिहार में संगठन मजबूत और विस्तार किया है ऐसे में उनके हजारों समर्थक जदयू में हैं ही जो वक्त पर उन्हें साथ दे सकते है वोट की दावेदारी की बात करें तो जदयू के आधार मत कुर्मी कोयरी धानुक अतिपिछड़ों में उनकी खासी पैठ से इनकार नही किया जा सकता देखना दिलचस्प होगा दांव पर दांव चलने में माहिर आरसीपी के टारगेट पर आखिर होगा कौन भाजपा या जदयू?