सुप्रीम कोर्ट के एससी-एसटी आरक्षण के फैसले के खिलाफ रजौली में भारत बन्द का दिखा छिटपुट असर
संतोष कुमार ।
थाना क्षेत्र के प्रांचक मोड़,न्यू बस स्टैंड रजौली एवं अंधरबारी में अनुसूचित जाति- जनजाति संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष ईश्वरी प्रसाद के नेतृत्व में बुधवार को भारत बंद के तहत रजौली बंद शांतिपूर्ण तरीके के कराया गया।इस दौरान एसडीओ आदित्य कुमार पीयूष एवं एसडीपीओ गुलशन कुमार के अलावे सीओ गुफरान मजहरी तथा रजौली थानाध्यक्ष सह इंस्पेक्टर राजेश कुमार पुलिस बलों के साथ मौजूद थे।थानाध्यक्ष ने एनएच 20 सड़क को अवरूद्ध करने से लोगों को रोकते नजर आये।भारत बंद कराने को लेकर लोगों का जत्था जय भीम व बाबा साहब अमर रहे आदि नारे लगाते हुए बाजारों में भी घुमते नजर आए। हालांकि एक तरफ लोगों के हुजूम देख दुकानदार अपने प्रतिष्ठानों को बंद कर देते, जैसे लोगों की भीड़ दुकानों से आगे निकलते लोग अपनी-अपनी दुकानों को पुनः खोल देते।रजौली बंद के दौरान एससी-एसटी संघर्ष मोर्चा के प्रखंड अध्यक्ष ने कहा कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति के आरक्षण के साथ सुप्रीम कोर्ट ने छेड़छाड़ की है।इसी के विरोध में पूर्व से निर्धारित कार्यक्रम 21 अगस्त को भारत बन्द के तहत रजौली को बंद कर रखा गया है।उन्होंने कहा की आरक्षण से छेड़छाड़ बर्दास्त नहीं होगा,कोर्ट का यह फैसला हमारे दलित और आदिवासी विरोधी है।यही वजह है कि आज एससी-एसटी केे लोगों में पुरे भारत में आक्रोश है।एससी-एसटी संघर्ष मोर्चा सचिव जयप्रकाश दास ने कहा कि आरक्षण का आधार आर्थिक आधार पर नहीं मिला था, जो क्रीमीलेयर लागु करेंगे बल्कि सामाजिक शोषण छुआछूत के आधार पर आरक्षण दिया गया था।इसलिए अभी हमलोगो को पचास साल और आरक्षण देना होगा, तभी हमारा दलित एवं आदिवासी समाज के मुख्य धारा में आएंगे।रजौली उत्तरी केे जिला परिषद इंद्रदेव राम ने कहा हमलोग दलित एवं महादलित समाज के आरक्षण के साथ छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं करेंगे।अभी हमारा समाज काफी पिछड़ा हुआ है।इसके बावजूद क्रीमीलेयर और दलित कोटा को बांटने की जो साजिश किया जा रहा है,जो बिल्कुल हीं निंदनीय है।
सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण के आदेश का हमलोग जमकर विरोध करते हैं।इधर दलित मानवाधिकार के राज्य समन्वयक धर्मदेव पासवान ने सुप्रीम कोर्ट पर जमकर बरसे हैं। उन्होंने कहा सरकार और सुप्रीम कोर्ट देश में आरजकता फैलाना चाह रही है,इसलिए बार -बार हमलोगों को उकसाया जा रहा है।संविधान में बाबा साहब डॉ .भीम राव अंबेडकर ने समानता का अधिकार के तहत आरक्षण दिया था ,ताकि दलित – महादलित समाज के साथ जो छुआछूत और भेदभाव है,उसे समाप्त किया जाये।लेकिन समाज के कुछ दलित विरोधी नेताओं के चापलूसी के चलते आज हमारे संविधान के साथ छेड़छाड़ किया जा रहा है और महादलितों को अलग -अलग श्रेणी में बांटा जा रहा है।हम हरगिज सुप्रीम कोर्ट और सरकार के ऐसे घटिया नीति को नहीं मानेंगे और अपनी हक की लड़ाई हमलोग खुद लड़ेंगे।सुप्रीम कोर्ट को बैकफुट पर जाना होगा,अगर ऐसा नहीं होता है तो हमलोग चरणबद्घ आंदोलन करेंगे।सरकार और सुप्रीम कोर्ट को अपना फैसला वापस लेना पड़ेगा,नहीं तो हमलोग दिल्ली तक विरोध प्रदर्शन करेंगे।बंद समर्थकों में चंदन कुमार, जिला परिषद सदस्य इंद्रदेव राम, बसपा के इंद्रदेव राजवंशी,नरेश चौधरी, उपेंद्र पासवान विनोद चौधरी,लोजपा के योगेंद्र पासवान, गौकरण पासवान,दिनेश चौधरी,रामस्वरूप दास, सातो मांझी,कपीलदेव पासवान के अलावा सैकड़ों लोग शामिल थे।