दुनिया में आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद के निवारण और नियंत्रण में महिला सांसदों की भूमिका अहम – डॉ धर्मशीला गुप्ता
VISHAL VAIBHAV.
(दिल्ली/दोहा) यूनाईटेड नेशंस द्वारा कतर की राजधानी दोहा में आयोजित ग्लोबल कांफ्रेंस आफ वूमेन पार्लियामेंटेरियन के वैचारिक सत्र दो और सत्र पांच में भारतीय प्रतिनिधि राज्यसभा सांसद डॉ धर्मशीला गुप्ता ने अपने तरफ से भारत के पक्ष को मजबूती व तार्किक रूप से प्रस्तुत किया।
सांसद डॉ धर्मशीला गुप्ता ने दोहा कांफ्रेंस में कहा की आतंकवाद और आतंकवाद में सहायक हिंसक उग्रवाद के वैश्विक खतरे से उत्पन्न चुनौतियों का मुकाबला करने वाले लिए वैश्विक स्तर पर एवं समावेशी दृष्टिकोण अपनाए जाने की आवश्यकता है। आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद की समस्या का व्यापक और स्थाई समाधान प्राप्त करने के दिशा में आतंकवाद को रोकने और आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले हिंसक उग्रवाद के निवारण संबंधी विधानों, नीतियों और कार्य नीतियों के विकास, कार्यान्वयन और निगरानी में महिला सांसदों की सहभागिता अत्यंत महत्वपूर्ण है। समान्यतः वैश्विक स्तर पर और विशेष रूप से राष्ट्रीय व क्षेत्रीय स्तर पर संवर्धित एवं प्रभावी समन्वय तथा सुदृढ़ साझेदारियों की स्थापना उनके द्वारा किए गए प्रयासों के प्रभाव को अधिकतम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आतंकवाद को रोकने एवं हिंसक उग्रवाद के निवारण एवं नियंत्रण से संबंधित पहलों में लिंग – संवेदनशील दृष्टिकोणों के महत्व को दुनिया भर के विभिन्न मंचों के माध्यम से महसूस और उजागर किया गया है।
भारतीय प्रतिनिधि सांसद डॉ धर्मशीला गुप्ता ने आगे कहा की आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद के निवारण और नियंत्रण में महिला सांसदों की सहभागिता और भागीदारी समावेशी और प्रभावी कार्यनीति विकसित करने के लिए अपरिहार्य है। बेहतर समन्वय और कार्यनीतिक साझेदारी के माध्यम से उनके प्रभाव को काफी हद तक बढ़ाया जा सकता है। विभिन्न हितधारकों को एकिकृत करने वाले समन्वित दृष्टिकोण की अब अधिक आवश्यकता है। वैश्विक समुदाय महिला सांसदों के अनोखे दृष्टिकोण और क्षमताओं का लाभ उठाकर आतंकवाद और आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले हिंसक उग्रवाद के निवारण और नियंत्रण से संबंधित एक अधिक लचीली और समावेशी कार्यनीति बना सकता है।
वहीं दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस के पहले दिन डॉ धर्मशीला गुप्ता ने आतंकवाद का मुकाबला करने एवं हिंसक उग्रवाद के निवारण एवं नियंत्रण में सांसदों की भूमिका विषय को विस्तार से रखा। इस ग्लोबल कांफ्रेंस आफ वूमेन पार्लियामेंटेरियन में दुनियाँ भर के दो दर्जन से ज्यादा देशों ने भागीदारी की। भारत की ओर से डॉ धर्मशीला गुप्ता एवं दर्शना सिंह सांसद के रूप में वहाँ अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज की।