मतदान एक राष्ट्रीय पर्व हर एक व्यक्ति मतदान में भाग ले-देवव्रत नंदन सिंह
गजेंद्र कुमार सिंह ।
जिले के शहरी व शिक्षित वर्ग तथा युवा मतदान के प्रति विशेष रूचि दिखाएं।
शिवहर—- जिले में राजलक्ष्मी ग्रुप सेवा संस्थान के निदेशक देवव्रत नन्दन सिंह उर्फ सोनू बाबू ने शिवहर जिले वासियों से अपील किया है कि 18वीं लोकसभा चुनाव में अपने मत का उपयोग जरूर करें और एक जिम्मेदार नागरिक बने।श्री सोनू बाबू ने कहा है कि चुनाव आयोग की तमाम कोशिशों के बावजूद अभी भी 33 फीसद वोटर घरों से निकलते नहीं है ।आजादी के 07 दशक बाद भी लोकसभा चुनाव में मतदान का प्रतिशत 67% से अधिक नहीं हो पा रहा है जो चिंता का विषय है।उन्होंने कहा है कि वर्ष भर मतदाता सूची में नाम जोड़ने की सुविधा व घर के निकट मतदान बूथ बनाने के बावजूद एक तिहाई मतदाता घर से निकलते नहीं है ।आयोग की तरफ से मतदाता जागरूकता पर मतदाता भागीदारी कार्यक्रम चल रहा है, जिसका मुख्य मकसद कम मतदान प्रतिशत का विश्लेषण करना तथा मतदान प्रतिशत बढ़ना है।
श्री सोनू बाबू ने कहा है कि इस बार पंजीकृत मतदाताओं की संख्या पूरे देश में 97 करोड़ करीब पहुंच चुकी है। आयोग का निरंतर प्रयास है कि अधिक से अधिक संख्या में लोग अपने मतदान का प्रयोग करें।
उन्होंने कहा है कि आयोग ने अपनी वेबसाइट के माध्यम से मतदाता खोज से लेकर शिकायत दर्ज करने तक की व्यवस्था की है। पहले लोग शिकायत करते थे कि मतदान केंद्र बहुत दूर है या वहां तक पहुंचाने की उचित व्यवस्था नहीं है, जिसके लिए आयोग ने ज्यादा से ज्यादा बूथ बनाकर सुविधाजनक कर दिया। जहां 10 मतदाता भी है वहां विशेष कर बूथ बनाए जाते हैं। इस सब में भारी व्यवस्था व मानव श्रम लगता है ।देखने में आता है की शहरी व शिक्षित वर्ग मतदान के प्रति विशेष अरूचि रखते है।
उन्होंने कहा है कि कुछ लोग मतदाता दिवस के अवकाश को मनोरंजन का दिन बना लेते हैं। यह सच है कि बुजुर्ग और अकेले रह रहे लोग बिना किसी सहयोग के बाहर नहीं निकाल सकते ।कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्हें उम्मीदवार पसंद नहीं या उनके प्रति किसी तरह का असंतोष है वह भी नाराजगी व्यक्त करने के कारण मतदान का इस्तेमाल नहीं करते। हालांकि, अब नोटा यानी कोई भी उम्मीदवार ना पसंद होने के पर प्रयोग किए जाने वाला विकल्प है। इसलिए इसका प्रयोग करने को वे स्वतंत्र है।श्री सोनू बाबू ने बताया है कि कारण कुछ भी हो परंतु अपने बहुमूल्य वोट के महत्व को समझना होगा। वरना जैसी व्यवस्था चल रही है वैसे ही चलती रहेगी। उसे बदलने का इख्तियार सिर्फ मतदाता के पास है। इसका एहसास होना जरूरी है। जनता का भरोसा जीतने के लिए चुनाव पारदर्शी हो, और अपराधियों पर अंकुश लगे। इसलिए हर एक व्यक्ति को मतदान करना जरूरी है।