इलेक्ट्रोरल बॉन्ड खुलासे से उजागर हुई भाजपा की चंदा दो, धंधा लो नीति _ कॉंग्रेस

मनोज कुमार ।
बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिट्ठू, पूर्व विधायक मोहम्मद खान अली, जिला कॉंग्रेस उपाध्यक्ष बाबूलाल प्रसाद सिंह, वार्ड पार्षद प्रतिनिधि शशि किशोर शिशु, राम प्रमोद सिंह, प्रद्युम्न दुबे, दामोदर गोस्वामी, श्रवण पासवान, शिव कुमार चौरसिया, विपिन बिहारी सिन्हा, कुंदन कुमार, युवा कॉंग्रेस अध्यक्ष विशाल कुमार, मोहम्मद शमीम आलम, मोहम्मद समद, रूपेश चौधरी, सुनील कुमार राम, आदि ने कहा कि इलेक्ट्रो रल बॉन्ड के सम्बंध में भारतीय स्टेट बैंक द्वारा सार्वजानिक हुए आकड़े के अनुसार भाजपा को मिले सबसे ज्यादा 6060 हजार करोड़ रुपये इलेक्ट्रो रल बॉन्ड से मिले चंदा को भुनाया है, दूसरे नंबर पर तृणमूल कांग्रेस है, भाजपा के प्राप्त हुए चंदा में 80 प्रतिशत वैसे कंपनियों, समूह, संस्था, व्यक्ति, से प्राप्त हुए हैं जिसमें को रो ना महामारी के टीका बनाने वाले कोविद शील्ड कंपनी हो या केंद्र एवं राज्य सरकारों के सभी टेंडर लेने वाले ,सप्लायर कंपनियां, सड़क, इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के काम करने वाले कंपनियों आदि ने चंदा दो, धंधा लो नीति के त ह त उनसे हज़ारों करोड़ चंदा लेने की सूची देश के अबतक के सबसे बड़े सुनियोजित भ्रष्टाचार, घोटाला है, जिसके अभी और प र त दर प र त खुलने पर भाजपा और मोदी सरकार आगामी लोकसभा चुनाव में देवतुल्य जनता के सामने बेनकाब होगी।


नेताओं ने कहा कि एक ओर भाजपा हज़ारो करोड़ रुपये चंदा लिए है, तो दुसरी ओर देश के आमजन की आवाज कॉंग्रेस पार्टी के सदस्यता शुल्क से आए राशि के खाते को सरकार के इशारे पर सीज कर दिया है, जिसके सम्बंध में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लोकप्रिय अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन ख ड गे ने प्रमुखता से कहा है कि हमारे खाते बंद है और उनके खुले हैं हुए हैं, ऐसे में बराबरी का मुकाबला कैसे होगा? जिसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए, तथा जब तक इलेक्ट्रो रल बॉन्ड की सच बाहर न आए, तब तक उनके खाते सीज होनी चाहिए।
नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री मंत्री बोलते हैं की ना खां उ गा ना खाने दूँगा, लेकिन देश के माननीय सुप्रिम कोर्ट ने इसका पर्दाफाश कर दिया है की किस तरह से भाजपा ने चुनावी बॉन्ड से पैसे बनाए।
नेताओं ने कहा कि इलेक्ट्रो रल बॉन्ड से मिले 6060 हजार करोड़ रुपये चंदा का हिसाब चाहती है भारत की 140 करोड़ जनता जिसकी पुष्टि देश के सर्वोच्च न्यायालय ने इलेक्ट्रो रल बॉन्ड में फैसला में जिक्र करते हुए कहा है कि देश के जनमानस को सूचना के अधिकार के त ह त चंदे की राशि के बारे में विस्तृत जानकारी लेने का अधिकार है।