जीएनएसयू में 10 से 12 मार्च तक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का होगा आयोजन

दिवाकर तिवारी ।

17 देशों के लगभग 50 वक्ता करेंगे शिरकत.

उद्घाटन सत्र में बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा भी होंगे शामिल, सम्मेलन महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बेहतर प्रयास.

सासाराम। जिले के जमुहार स्थित गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय में आगामी 10 से 12 मार्च तक द्वितीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का भव्य आयोजन किया जा रहा है। बहुआयामी अनुसंधान में महिलाओं की भूमिका विषय पर आयोजित इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में 17 देशों के 50 वक्ता शिरकत करेंगे। जबकि देश के लगभग प्रत्येक राज्यों से कुल 70 अतिथि वक्ता भी पधार रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में ग्यारह मार्च को बिहार सरकार के उपमुख्यमंत्री विजय सिंहा मुख्य अतिथि होंगे। वहीं यूजीसी के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ डी पी सिंह विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित रहेंगे। इसी प्रकार समापन में राज्य सरकार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी मुख्य अतिथि होंगे और विशिष्ट अतिथि इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर द आर्ट, न्यू दिल्ली की निदेशक (एडमिन) डॉक्टर प्रियंका मिश्रा,आईपीएस होंगी। इस संदर्भ में शनिवार को आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान आयोजन समिति के पदाधिकारियों ने अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के बारे में विशेष जानकारी देते हुए बताया कि 10 मार्च को प्री कॉन्फ्रेंस वर्कशॉप होगा तथा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन 11 मार्च को एवं समापन 12 मार्च को होना है। आइ सी डब्ल्यू एम आर 2024 एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन है।

जिसका आयोजन गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय, सासाराम के द्वारा किया जा रहा है। इसका उद्देश्य सतत विकास के लिए विभिन्न क्षेत्रों में विश्व स्तर पर महिलाओं की सक्रिय भागीदारी को प्रदर्शित करना और बढ़ावा देना है। इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्देश्य आपसी विमर्श, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान सहयोग और उद्योगों के साथ आहरन सहयोग की सुविधा के लिए वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों, उद्योगपतियों और विद्वानों को एक मंच पर लाना है। ताकि नए विचारों और नवाचारों को व्यवहारिक परिणामों में बदला जा सके। समाज के कमजोर वर्ग की प्रौद्योगिकी में प्रगति के बावजूद समाज के कमजोर वर्ग की जरूरत को पूरा करने के लिए अनुसंधान काफी कारगर साबित हो सकता है। इसके अलावा अब महिला सशक्तिकरण वाक्यांश पुराना और अप्रचलित हो रहा है, क्योंकि कोई भी क्षेत्र चाहे वह वित्त, रक्षा, स्वास्थ्य सेवा या अनुसंधान हो वह महिलाओं से अछूता नहीं रहा है। उन्हें जो भी भूमिका सौपी गई उसमें उन्होंने उत्कृष्ट प्रदर्शन करके अपनी क्षमता साबित की है। महिला अनुसंधान और विकास के योगदान का समर्थन करने और उत्प्रेरित करने के उद्देश्य यह सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। जिसमें दवा की खोज, फार्मास्यूटिकल विज्ञान और प्रयोग चिकित्सा विज्ञान, खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के लिए सतत कृषि, व्यावसायिक रणनीतियां, संचालन, प्रौद्योगिकी प्रबंधन और टिकाऊ व्यावसायिक मॉडल, स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत बनाना और वैश्विक स्वास्थ्य मुद्दों का प्रबंधन, लैंगिक समानता और न्याय में कानूनी और सामाजिक विज्ञान का निहितार्थ, ए आई और कंप्यूटिंग प्रौद्योगिकियों का अनुसंधान और विकास पर प्रभाव आदि विषयों पर देश और विदेश से 2000 से अधिक प्रतिभागी शामिल हो रहे हैं। इस कार्यक्रम के लिए अब तक ढाई हजार निबंधन हो चुके हैं। जिसमें साठ प्रतिशत महिलाएं हैं। उल्लेखनीय है कि इस क्षेत्र में पहली बार इस तरह का आयोजन हो रहा है। जिसमें भाग लेने के लिए ऑस्ट्रेलिया, यूएसए, चेक गणराज्य, मलेशिया, वियतनाम, रसिया, फ्रांस, जर्मनी समेत लगभग 15 देश के प्रतिभागी रिसर्च स्कौलर शामिल हो रहे हैं। यह सम्मेलन महिलाओं के बहुआयामी व्यक्तित्व के सकारात्मक पहलू को प्रदर्शित करेगा तथा देश की नारी शक्ति को एक नई दिशा देने का काम करेगा। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम को लेकर सभी तैयारियां लगभग पुरी हो चुकी हैं तथा कार्यक्रम की सफलता के लिए हर संभव इंतजाम किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सम्मेलन के लिए विभिन्न स्तर पर समितिओं का निर्माण किया गया है जो अतिथियों के आने, कार्यक्रम में सम्मिलित होन व उनके आवासन आदि की व्यवस्था को देख रहे हैं। प्रेस वार्ता के दौरान सचिव गोविंद नारायण सिंह, प्रबंध निदेशक त्रिविक्रम नारायण सिंह, कुलसचिव डॉक्टर अभिषेक कामेन्दु, सहायक कुल सचिव मिथिलेश कुमार सिंह, आयोजन समिति की अध्यक्ष श्रीमती मोनिका सिंह समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।