कॉलेजियम हटाओ और भारतीय न्यायिक सेवा आयोग का गठन करो – विनय कुशवाहा
धीरज गुप्ता,
गया।महात्मा ज्योतिबा फुले क्रांतिकारी संघ के तत्वाधान में गया के गांधी मैदान गेट नंबर पांच पर धरना दिया गया है।
इस मौके पर धरना को संबोधित करते संघ के राष्ट्रीय संयोजक राजद के प्रांतीय सचिव विनय कुशवाहा ने कहा कि इस देश में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जजों के नियुक्ति में कॉलेजियम सिस्टम एक अभिशाप है । कॉलेजियम के माध्यम से हाई कोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट के जजों की नियुक्ति में सिर्फ परिवारवाद हावी है इस देश में लगभग 200 परिवारों का हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जज बनने का मौका मिलता है क्योंकि उन्हें के परिवार के सदस्य कॉलेजियम के सदस्य होते हैं।
एससी एसटी ओबीसी के साथ-साथ स्वर्ण समाज के भी बहुत तेरे लोग हाईकोर्ट सुप्रीम कोर्ट का जज नहीं बन सकते।
ओबीसी महासभा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र गोप ने कहा कि कॉलेजियम सिस्टम इस देश पर थोपा गया काला धब्बा है।
संघ के राष्ट्रीय सह संयोजक जुगनू यादव ने कहा कि कॉलेजियम सिस्टम जब तक नहीं हटाया जाएगा तब तक हम लोग आंदोलन करते रहेंगे।
सुभाष यादव,चन्दन कुमार वर्मा, पवन कुमार वर्मा ने कहा कि इस देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब तक कॉलेजियम सिस्टम को खत्म नहीं करते हैं तब तक इस देश के किसी भी समाज के कुछ चुनींदा परिवारों को छोड़कर हाई कोर्ट सुप्रीम कोर्ट का जज नहीं बन सकते हैं। इस देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कॉलेजियम सिस्टम हटाना नहीं चाहते हैं इससे समान्य वर्ग के साथ-साथ एससी एसटी ओबीसी के कोई भी व्यक्ति हाई कोर्ट सुप्रीम कोर्ट में जज नहीं बन सकता है।इस धरना के माध्यम से 5 सूत्री मांग ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति का भेजा गया है। प्रमुख मांगे इस प्रकार है।
कॉलेजियम सिस्टम को खत्म करें और यूपीएससी के तर्ज पर भारतीय न्यायिक सेवाओं का गठन करें।एससी एसटी ओबीसी सहित सामान्य वर्ग के आरक्षण दिया जाए।महिलाओं को कोटि के अनुरूप आरक्षण का प्रावधान किया जाए। 2024 से पहले कॉलेजियम सिस्टम को समाप्त किया गया।कॉलेजियम सिस्टम गैर संवैधानिक संस्था है संविधान के अनुरूप सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट में जजों के नियुक्ति का प्रावधान किया गया है। धरना में संघ के प्रदेश संयोजक चंदन कुमार वर्मा ने कॉलेज में सिस्टम को खत्म करने की मांग की है।धरना की अध्यक्षता संघ के जिला संयोजक पवन कुमार वर्मा ने किया है। इस मौके पर अशोक आजाद, सुभाष यादव, रविंद्र प्रसाद वर्मा, विद्यानंदन ठाकुर, टुनटुन यादव, जितेंद्र वर्मा, मनोज कुशवाहा, केदार प्रसाद।