हजरत इमाम हुसैन की शहादत को लोगों ने किया याद, मनाया मातम, सुरक्षा के रहे पुख्ता इंतजाम

दिवाकर तिवारी ।

रोहतास। पूरे जिले में मोहर्रम का दसवां दिन बेहद गम और मातम के साथ मनाया गया। शहर से लेकर गांव, कस्बो आदि जगहों पर स्थित विभिन्न मस्जिदों व ईदगाहो पर रोजेदारों ने पहले नमाज अदा की ,फिर नन्हे मुन्हे बच्चे से लेकर बुजुर्ग, युवा वर्ग के लोगो ने हजरत इमाम हुसैन की शहादत को याद किया। वहीं शहर के सभी मस्जिदों में नमाज पढ़ने के लिए लोगों की भारी भीड़ देखने को मिली। मुहर्रम मातम मनाने एवं धर्म की रक्षा करने वाले हजरत इमाम हुसैन की शहादत को याद करने का दिन है। मुहर्रम में मुसलमान शोक मनाते हैं तथा अपनी खुशीयों का त्‍याग करते हैं। मुहर्रम को मातम और आंसू बहाने का महीना भी कहते हैं। शिया समुदाय के लोगों ने मुहर्रम के दसवें दिन काले कपड़े पहनकर हुसैन की शहादत को याद किया तथा शहादत की याद में सड़कों पर जुलूस एवं ताजिये नहीं निकाले गए। जहां या अली या हुसैन के नारों से पूरा शहर गुंजता रहा। शिया समुदाय के लोगों ने मुहर्रम की नौवीं एवं 10 वीं तारीख को रोजे रखे। जबकि सुन्‍नी समुदाय के लोगों ने मुहर्रम महीने में 10 दिन तक रोजा रखा तथा मस्जिदों एवं घरों में इबादत की। शहर के कई मोहल्लों एवं आसपास के इलाकों में ताजियों को आकर्षक ढंग से सजाया गया। कहीं ताजिये को तिरंगे का रंग दिया गया तो कहीं सफेद मलमल के कपड़ों से नक्काशी की गई। मोहर्रम की 11वीं तारीख को इमाम हुसैन का प्रतीक माने जाने वाले ताजिए को कर्बला के मैदान में दफनाया जाएगा। साथ हीं पर्व को लेकर शहर की अधिकांश दुकानें बंद रही व सड़को पर सन्नाटा पसरा रहा। जिला पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा के कड़े इंतजामात के बीच जगह जगह दंडाधिकारी के साथ प्रर्याप्त पुलिस बल तैनात रहे तथा वरिष्ठ पुलिस व प्रशासनिक पदाधिकारी भी जगह जगह गश्त करते दिखे। जुलूस के दौरान डीजे बजाने पर प्रशासन द्वारा पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया था। लिहाजा अनावश्यक शोरगुल से लोगों को काफी राहत मिली। जिले में कहीं कोई अप्रिय घटना न हो इसके मद्देनजर पुलिस द्वारा निरोधात्मक कार्रवाई भी की गई थी तथा कंट्रोल रूम बनाकर टोल फ्री नंबर भी जारी किए गए। इधर पर्व को लेकर शहर की साफ-सफाई का भी विशेष ख्याल रखा गया था तथा बीते दिनों दो गुटों में हुए हिंसक झड़प को मद्देनजर रखते हुए रोहतास पुलिस द्वारा शहर के सभी संवेदनशील जगहों एवं जुलूस पर ड्रोन से नजर रखी गई। ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके तथा जुलूस की भी वीडियोग्राफी कराई गई।