सीयूएसबी में पेयजल उपलब्धता पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव पर विशेष व्याख्यान

धीरज ।

गया ‌देश की आज़ादी के 75 वीं वर्षगाठ के रूप में मनाए जा रहे “आजादी का अमृत महोत्सव” के अंतर्गत दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय सीयूएसबी के शिक्षक शिक्षा विभाग डीटीई ने जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के ज्वलनशील मुद्दे पर आधारित एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया है। सीयूएसबी के जन संपर्क पदाधिकारी (पीआरओ) ने बताया कि व्याख्यान का आयोजन कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह की देखरेख में शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार और एनसीटीई के निर्देशानुसार किया गया है। व्याख्यान के दौरान स्कूल ऑफ एजुकेशन के संकाय सदस्य, शोधार्थी और छात्र उपस्थित थे। औपचारिक उद्घाटन के बाद स्कूल ऑफ एजुकेशन के डीन प्रो. कौशल किशोर ने अतिथि वक्ता का स्वागत किया गया है। इसके पश्चात वक्ता डॉ. जावेद अहसन, सहायक प्राध्यापक, बायोटेक्नोलॉजी विभाग द्वारा ‘इफ़ेक्ट ऑफ क्लाइमेट चेंज ऑन अवेलेबिलिटी ऑफ ड्रिंकिंग वाटर एंड इट्स रेमेडीज’ विषय पर व्याख्यान दिया गया है।
आयोजकों के प्रति आभार व्यक्त करने के बाद, डॉ. अहसन ने अपने व्याख्यान में जलवायु परिवर्तन और पेयजल उपलब्धता पर इसके प्रभाव का व्यापक परिदृश्य प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पेयजल की कमी दुनिया के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। अतिथि वक्ता ने इस समस्या को हल करने के लिए कुछ नवीनतम दृष्टिकोण साझा किए। डॉ. अहसन ने सीयूएसबी के विश्वविद्यालय परिसर का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए गया क्षेत्र की पेयजल उपलब्धता पर भी चर्चा की गई है। उन्होंने उदाहरण के तौर पर ‘जीरो वाटर डिस्चार्ज मॉडल’ का विस्तार से चर्चा करते हुए सीयूएसबी परिसर की जल प्रबंधन प्रणाली की सराहना की है। व्याख्यान के दौरान डॉ. अहसन ने अपने कुछ शोध प्रकाशनों और पर्यावरणीय परिवर्तनों के प्रभाव पर प्रकाश डालने वाले वर्तमान शोध कार्यों पर भी चर्चा की।इस कार्यक्रम का आयोजन डीटीई की सांस्कृतिक और साहित्यिक समिति द्वारा किया और डॉ. मोज़म्मिल हसन और डॉ. संदीप कुमार द्वारा समन्वयित किया गया था। व्याख्यान के दौरान समिति के समन्वयक डॉ. समरेश भारती तथा समिति के अन्य सदस्य डॉ. किशोर कुमार एवं डॉ. एन.वी. सिंह भी उपस्थित थे। संकाय सदस्यों डॉ. रिंकी, डॉ. मितांजलि साहू, और डॉ. तरुण कुमार ने विशेष रूप से चर्चा सत्र में भाग लिया। व्याख्यान के अंत में छात्रों ने मुख्य वक्ता से विषय से जुड़े प्रश्न पूछे।