गांधी का सपना, नेहरू की नींव, राजीव का प्रस्ताव तथा मनमोहन द्वारा शुरू किया गया पंचायती राज दिवस
मनोज कुमार ।
आज राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर कांग्रेस पार्टी के तत्वाधान में स्थानीय चौक स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी प्रतिमा स्थल प्रांगण में * गांधी का सपना, नेहरू का नींव, राजीव का संशोधन, मनमोहन द्वारा शुभारंभ पंचायती राज दिवस की प्रासंगिकता * विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया।
गोष्ठी की अध्यक्षता बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह क्षेत्रीय प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिठू ने किया तथा संचालन प्रदेश किसान कांग्रेस के उपाध्यक्ष मो सरवर खान ने किया।
गोष्ठी को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री डा मनमोहन सिंह ने 24 अप्रैल 2010 को पहला राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस घोषित किया था जिसकी परिकल्पना राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की थी, इसकी नींव पंडित जवाहरलाल नेहरु ने रखी, तथा राजीव गांधी द्वारा प्रस्तावना तैयार किया गया था।
नेताओ ने कहा की भारत कृषि प्रधान देश है, भारत का दिल गांवों में बसता है तथा देश की पहचान उसके गांवों से होती है। भारत में तकरीबन छह लाख से अधिक गांव है, जो छह हजार से अधिक ब्लॉक और 750 से अधिक जिलों में बंटे हुए है। भारत एक लोकतांत्रिक देश है, इस देश को सिर्फ केंद्र सरकार या राज्य सरकार ही पूरी तरह चलाने में सक्षम नहीं है क्योंकि देश को हर स्तर पर चलाने की जरूरत होती है। इसके लिए स्थानीय स्तर पर भी प्रशासन की व्यवस्था की गई है, इसी व्यवस्था का पंचायती राज का नाम दिया गया है।
पंचायती राज में गांवो के स्तर पर ग्रामसभा , ब्लॉक स्तर पर मंडल परिषद और जिला स्तर पर जिला परिषद होता है, इन सभी संस्थानों के लिए सदस्यों का चुनाव होता है जो जमीनी स्तर पर शासन का बागडोर संभालते है।
नेताओ ने कहा की पंचायती राज दिवस 24 अप्रैल को मनाया जाता है , इसकी शुरुआत 2010 में की गई है , यह दिन 1992 में संविधान के 73 वें संशोधन के अधिनियम का प्रतीक ही इस ऐतिहासिक संशोधन के जरिए जमीनी स्तर की शक्तियों का विकेंद्रीकरण किया गया और पंचायती राज का नाम की एक संस्था की बुनियाद रखी गई।
गोष्ठी को पूर्व विधायक मो खान अली, जिला उपाध्यक्ष राम प्रमोद सिंह, बाबूलाल प्रसाद सिंह, दामोदर गोस्वामी, विपिन बिहारी सिन्हा, टिंकू सिंह, लुलन सिंह, उदय शंकर पालित,मुरारी शर्मा,प्रद्युमन दुबे, बलिराम शर्मा, शिव कुमार चौरसिया, सुरेंद्र मांझी, विनोद उपाध्याय, मो समद, असरफ इमाम, राजकिशोर शर्मा, चंद्रभूषण मिश्रा, बाल्मिकी प्रसाद, जगरूप यादव, जितेंद्र यादव, रूपेश चौधरी, अशोक राम, आदि ने संबोधित किया।