पीसीएस सेकेंडरी स्कूल के प्रांगण में रंगारंग कार्यक्रमों के बीच वार्षिकोत्सव संपन्न
विश्वनाथ आनंद।
गया( मगध बिहार)-गया जिला मुख्यालय के स्थानीय पीसीएस सेकेंडरी स्कूल जनकपुर के प्रांगण में वार्षिक उत्सव बड़े धूमधाम से समारोह पूर्वक संपन्न हुआ। समारोह का उद्घाटन बिहार सरकार के पूर्व मंत्री अवधेश कुमार सिंह ने किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज प्रायः हर स्कूल में सैद्धांतिक शिक्षा तो दी जा रही है परंतु आवश्यकता है व्यवहारिक शिक्षा देने की।विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान के राष्ट्रीय महासचिव एवं समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में डॉक्टर विवेकानंद मिश्रने अपने संबोधन में कहा कि आज मुझे बड़ी प्रसन्नता हो रही है कि आरोही जी एवं उनकी पत्नी ने यहां वैसे अभावग्रस्त बच्चों को भी अपने स्नेह पूर्ण हाथ बढ़ाकर शिक्षा के लिए आश्रय स्थल प्रदान किया है। और वे बच्चे आज सभी बच्चों के साथ विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिभा का प्रदर्शन कर आश्चर्यचकित कर रहे हैं। अनुशासन देखकर इनके बच्चों की प्रतिभा अनुशासन लगन को देखकर अभिभूत हूं .जाने-माने समाजसेवी साहित्यकार डॉ राम सिंहासन सिंह ने कहा कि किसी भी नवीन ज्ञान अथवा अनुभूति जिज्ञासा के प्रारंभ होती है। और आरोही जी ने अपनी छात्र-छात्राओं की जिज्ञासा को शांत करने के लिए जो आवश्यकता है उसे कार्यान्वित कर पूर्ण रूपेण दिखाया है। जिसका परिणाम आज सामने दृष्टिगोचर हो रहा है।
प्रशासक प्रो. बीकेपी बर्मा संरक्षक भारत विकास परिषद ने कहा है कि बच्चे ही हमारे देश के भविष्य हैं। और बच्चों को मानवीय जीवन के प्रति संवेदनशील बनाने की आवश्यकता सर्वप्रथम है। प्रो . दीनानाथ जी कहा कि प्रकृति में क्षण क्षण परिवर्तित दिख रहे बंधनों के संदर्भ में मनुष्यता को जीवंत बनाने रखना एक बड़ी चुनौती हम लोगों के सामने है। समारोह में आया गाते आगत अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित करते समय आरोही जी ने विस्तार से अपने संपूर्ण स्कूल के कार्यकलापों को इसके विस्तार संबंधी कार्यों को विस्तारपूर्वक लोगों को बताया तथा लोगों को मेमोरेंडम देकर सम्मानित भी किया।समारोह में उपस्थित शहर के विभिन्न गणमान्य लोगों में श्री कपिल प्रसाद सिन्हा ज्योति शिक्षा संस्थान के निदेशक डॉक्टर ज्ञानेश भारद्वाज अधिवक्ता जगदीश यादव जी अधिवक्ता डॉक्टर मंटू मिश्रा कौटिल्य मंच के पदाधिकारी रणजीत पाठक पवन मिश्रा अधिवक्ता दीपक पाठक अधिवक्ता अविनाश कुमार तथा संपूर्ण कार्यक्रमों को सफल बनाने में बड़ी योगदान देने वाले वरिष्ठ शिक्षक अरुण अरुण बाबू का योगदान उल्लेखनीय है।