विशाल सिंह अपने जीवन की समस्त महत्वाकांक्षाओं को जनहित में समर्पित कर दिया था-डॉo विवेकानंद मिश्र.

विश्वनाथ आनंद,
गया (बिहार )- आज जब परिवार, प्रीति और आत्मीयता के बंधन टूट रहे हैं, चारों तरफ अहंकार स्वार्थ अवसरवादिता की इस अंधेर युग में विशाल सिंह अपने निहित स्वार्थो से ऊपर उठकर अपने जीवन की समस्त महत्वाकांक्षाओं को जनहित में समर्पित कर दिया था। इन्होंने अपने कठिन परिश्रम, ईमानदारी कर्मठता के बदौलत जन-जन के प्रिय पात्र बन गए थे। अल्पवय में हीं विशाल सिंह को हम सबों के बीच से जाना हमें मर्माहत कर रहा है। यह उदगार है विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान के राष्ट्रीय महासचिव डॉ0 विवेकानंद मिश्र ने कहा कि विशाल सिंह परैया प्रखंड के ग्राम राजपुर में एक संपन्न किसान परिवार में जन्म लिया था। उनके दादा स्वर्गीय त्रिवेणी सिंह भी प्रसिद्ध समाजसेवी थे। पिता हरदेव नारायण सिंह एक कुशल प्रशासक कर्तव्यनिष्ठ एवं इमानदार छवि के झारखंड सरकार में वित्त विभाग के संयुक्त सचिव रहे हैं।ये आज भी अवकाश प्राप्ति के बाद जन सेवा को ही अपना धर्म मानते हैं। श्री मिश्रा ने आगे कहा कि विशाल सिंह के निधन से संपूर्ण इलाके में शोक की लहर व्याप्त है। उनकी दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करने के लिए बड़ी संख्या में उपस्थित लोगों ने उनकी आत्मा को शांति प्रदान करने उनके परिवार के अलावे विशाल सिंह की बड़ी संख्या में रहे शुभचिंतकों को इस दुख की घड़ी में धैर्य धारण करने की प्रार्थना की गई, जिसमें प्रमुख रूप से रघुवंश नारायण सिंह, हरदेव नारायण सिंह, डॉ जियाउद्दीन, रामभजन दास, गुप्तेश्वर ठाकुर, बंसी यादव, जानकी यादव, दूधेश्वर यादव, केवल सिंह, दिग्विजय सिंह, विकास सिंह, सरदार सिंह, शत्रुघ्न सिंह, मुन्ना सिंह, शक्ति सिंह, विश्वनाथ मिश्र, डॉ अब्दुल खैर, संजय सिंह नागेंद्र सिंह रामकुमार सिंह, देव कुमार सिंह, विनायक सिंह दिनेश सिंह आशुतोष मिश्रा रंजीत पाठक सिद्धेश्वर पाठक अभिराम सिंह, कुणाल सिंह, सोना देवी, कइल दास, नौरंगी दास, रूबी देवी, राजीव नयन पांडे, सियावर सिंह, ललन सिंह आशुतोष मिश्रा रघुपत सिंह परशुराम सिंह, कृष्ण यादव, महेंद्र यादव, नवल यादव, चंद्र यादव, सुरेंद्र पासवान, बसंत पासवान, गुंजा पासवान, कांग्रेस मांझी, फूलचंद गांधी के अलावे शोक सभा में परिवार व ग्रामीण लोग मुख्य रूप से उपस्थित थे।