अगस्त क्रांति दिवस से ही भारतीय स्वतंत्रता की पृष्टभूमि तैयार हुई थी _ प्रो विजय कुमार मिट्ठू

मनोज कुमार ।
आज दिनाँक 09 अगस्त 2024 को अगस्त क्रांति दिवस की 82 वीं वर्षगांठ गया के स्थानीय कोतवाली थाना के समीप स्थित शहीद स्मारक स्थल एवं धामिटोला स्थित शहीद स्मारक स्थल पर अगस्त क्रांति के शहीदों जगन्नाथ मिश्र, कैलाश राम तथा भूई राम की शहादत को सलाम करते हुए जयकारा लगाते हुए श्रद्धांजलि अर्पित किया गया।इस अवसर पर उपस्थित बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिट्ठू, पूर्व विधायक मोहम्मद खान अली, विपिन बिहारी सिन्हा, विशाल कुमार, मोहम्मद शमीम आलम, मोहम्मद समद, टिंकू गिरी, विनोद उपाध्याय, बाल्मीकि प्रसाद, राजेश अग्रवाल, उदय शंकर पालित, बलिराम शर्मा आदि ने कहा कि अगस्त क्रांति, अंग्रेजो भारत छोड़ो आंदोलन भारतीय जनता को पूर्ण स्वतंत्रता की दीप प्रज्वलित करने की प्रेरणा दी थी, इस आंदोलन का क्षेत्र और प्रभाव देश व्यापी था। उस समय ब्रिटिश हुकूमत को यह महसूस हो गया था कि दमन, अत्याचार, असंतोष को नहीं रोक सकेंगे।

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नेताओं ने कहा कि बिहार में अगस्त क्रांति , भारत छोड़ो आंदोलन की भूमिका अहम एवं निर्णायक रही, इस आंदोलन में बिहार में 15 हजार से ज्यादा लोग जेल गए, 8, 783 को सजा हुई, 134 लोग मारे गए और 362 घायल हुए थे। पटना सचिवालय पर झंडा फहराने के दौरान ब्रिटिश हुकूमत की गोलियों से सात युवा शहीद हुए थे, जिनका शहीद स्मारक बिहार विधानसभा के मुख्य द्वार के गोलमबर पर स्थित है।गया में कोतवाली थाना पर झंडा फहराने के प्लान बनाते समय घंटाघर ( अभी राजेंद्र टावर) के पास अँग्रेजी हुकूमत की गोलीबारी में समीरतक्या के जगन्नाथ मिश्र, पहसी के भूई राम एवं मुरारपूर के कैलाश राम शहीद हुए थे, जिनकी याद में गया कोतवाली के पास एवं धामिटोला में शहीद स्मारक बना हुआ है।