सुनील सिंह सदस्य्ता से वंचित हुए,सवाल है कि इस सिलसिले पर अंकुश नहीं लगा तो लोकतंत्र का मतलब क्या रह जायेगा

संजय वर्मा.

बिहार विधान परिषद की सदस्य्ता समाप्त होने के शिकार सुनील सिंह अकेले नहीं है इससे पहले विधानपरिषद सदस्य्ता प्रो रामबली सिंह चंद्रवंशी का समाप्त हुआ दोनों ही राजद से जुड़े है और पीछे जाएं तो शम्भू शरण श्रीवास्तव नरेंद्र सिंह सम्राट चौधरी मनोज कुमार सिंह प्रेम कुमार मणि की विधानपरिषद की सदस्य्ता समाप्त की गई ।

सभी की सदस्य्ता खत्म करने के अलग अलग कारण रहा यह सभी नीतीश कुमार के कार्यकाल में हुआ पूर्व में इतिहास खंगाले तो कभी भी किसी विधानपार्षद की सदस्य्ता समाप्त करने जैसी कोई घटना नहीं हुई सुनील सिंह या रामबली सिंह की सदस्यता आचार समिति की अनुशंसा के आधार पर की गई जबकि विधान परिषद कार्य संचालन नियमावली के तहत गठित कमिटियों का कोई अधिकार नही कि वो किसी विधान पार्षद की सदस्य्ता समाप्त करने से जैसी कठोर कार्रवाई कर सके ज्यादा से ज्यादा वो निलंबित कर सकती है सभी सदस्य्ता से वंचित हुए विधानपार्षद विपक्ष के हैं सवाल है कि इस सिलसिले पर अंकुश नहीं लगेगा तो लोकतंत्र का मतलब क्या रह जायेगा।