मेयर के ससुर, जेठ एवं पति को नगर निगम का नोटिस, मामला बिना मानचित्र स्वीकृति के भवन निर्माण का

दिवाकर तिवारी ।

सासाराम। वैसे तो सासाराम नगर निगम क्षेत्र में सैकड़ों ऐसे भवन है जो बिना नक्शा पास कराए हीं बने हुए हैं तथा अभी भी सैकड़ों मकान बिना नक्शे के हीं निर्माणाधीन है। लेकिन नगर निगम के संवैधानिक प्रमुख मेयर के जब परिवार वाले भी नियम विरुद्ध कार्य करने लगे तो इसे शहरवासियों के साथ एक धोखा कहा जा सकता है। जनप्रतिनिधियों के इस नियम विरुद्ध कार्य से आम लोगों में भी इसका गलत संदेश जाएगा तथा शहरवासी भी अब नक्शा पास कराने में दिलचस्पी नहीं दिखाएंगे। जिससे सरकार के राजस्व को भारी छति पहुंचेगी और इससे शहर के विकास कार्य भी प्रभावित होंगे। हालांकि हाल हीं में नगर निगम प्रशासन द्वारा भी बिना नक्शा पास करवाए मकान बनवाने वाले लोगों के निर्माण कार्य पर रोक लगाने की बात कही गई थी तथा निर्णय लिया गया था कि नगर निगम क्षेत्र में बिना नक्शे के बने हुए सभी भवनों का सर्वे कराया जाएगा।

लेकिन दिलचस्प बात है कि नगर आयुक्त एवं मेयर के बीच लंबे समय से चल रहे विवादों के बीच अब नगर निगम प्रशासन ने मेयर काजल कुमारी के ससुर, जेठ एवं पति को हीं बिना मानचित्र स्वीकृत कराए भवन का निर्माण कार्य कराने को लेकर एक नोटिस भेजा है। इस संबंध में सुनवाई हेतु नगर आयुक्त यतेंद्र कुमार पाल ने आगामी 17 अगस्त को नगर निगम स्थित अपने कार्यालय कक्ष में मेयर काजल कुमारी के ससुर सुधीर कुमार सिंह, जेठ मिथिलेश कुमार सिंह, पति विकास कुमार सिंह एवं देवर विवेक कुमार को संबंधित दस्तावेजों के साथ उपस्थित होने के लिए निर्देशित किया है। बता दें कि वार्ड नंबर 44 की वार्ड पार्षद केला देवी द्वारा उक्त सभी लोगों के विरुद्ध बिना मानचित्र स्वीकृति के भवन निर्माण को लेकर एक परिवाद दायर किया गया था। जिस पर संज्ञान लेते हुए नगर आयुक्त ने आगामी 17 अगस्त को उक्त सभी लोगों को साक्ष्य के साथ उपस्थित होने के लिए आदेशित किया है।
गौरतलब हो कि नगर निगम द्वारा मेयर काजल कुमारी के ससुराल वालों के खिलाफ जारी किए गए नोटिस को लेकर चर्चा आम हो गई है। हालांकि शहर वासी इसे बीते कई महीनों से नगर आयुक्त एवं मेयर काजल कुमारी के बीच चले आ रहे विवादों से जोड़कर देख रहे हैं, लेकिन फिर भी एक जनप्रतिनिधि द्वारा सरकार के राजस्व को चूना लगाने का मामला काफी दुर्भाग्यपूर्ण एवं आम जनता के साथ छलावा है।