जिला कृषि पदाधिकारी, गया ने किया उर्वरक की समीक्षा

मनोज कुमार ।
जिले में निर्धारित मूल्य पर नियमानुसार उर्वरक वितरण करने का निर्देष।छापामारी के क्रम में अनियमितता पाये जाने पर FCO 1985 के नियमानुसार की जायेगी।उर्वरक वितरण में अनियमितता पाये जाने पर उर्वरक अनुज्ञप्ति को रद्द कर दिया जाय।POS मषीन में वास्तविक भंडार में अंतर पाये जाने पर उर्वरक कालाबाजारी के आरोप में दर्ज करायी जायेगी प्राथमिकी।बिक्री पंजी एवं भंडार पंजी अद्यतन रखने का निर्देष।आज दिनांक 18.07.2024 को श्री अजय कुमार सिंह, जिला कृषि पदाधिकारी, गया के द्वारा खरीफ में उर्वरक बढ़ते माँग को देखते हुये समीक्षा बैठक की गई। उन्होने सभी का स्वागत करते हुये वर्तमान में उर्वरक वितरण में आने वाले कठिनाईयों की पृच्छा की गई।

उन्होने कहा कि खरीफ 2024 सीजन प्रारंभ हो चुका है। अभी जिले में फसल आच्छादन कम हुआ है, परन्तु फसल आच्छादन बढ़ने पर उर्वरकों की माँग भी बढ़ जाती है। किसानों को उर्वरक प्राप्त करने में कोई कठिनाई ना हो इसके लिये निर्देष दिया गया। बैठक में उपस्थित थोक उर्वरक विक्रेताओं को गया जिला में निर्धारित मूल्य पर नियमानुसार किसानों के बीच उर्वरक वितरण करने का निर्देष दिया गया। उन्होनें निर्देष दिया गया कि किसानों के बीच उर्वरक वितरण में किसी भी प्रकार लापरवाही एवं अनियमितता करने वाले थोक एवं खुदरा उर्वरक विक्रेता बख्सा नही जायेगा। उर्वरक वितरण में किसानों द्वारा किसी भी प्रकार की शीकायत को गंभीरता से लिया जायेगा। सभी उर्वरक विक्रेता के भंडार में उपलब्ध उर्वरक एवं POS मशीन/mFMS में प्रदर्शित स्टाॅक का भौतिक सत्यापन कराया जाता है। ऐसे में भंडार में अंतर पाये जाने पर उर्वरक के कालाबाजारी के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई दी जायेगी।