मगध क्षेत्र के प्रख्यात एवं लोकप्रिय शिक्षक कृत्यानंद शर्मा का आकस्मिक हुआ निधन. -शिक्षक समुदाय के लोगों ने किया संवेदना प्रकट.

विश्वनाथ आनंद
टिकारी (गया )- मगध क्षेत्र के प्रख्यात एवं लोकप्रिय शिक्षक कृत्यानंद शर्मा का शनिवार की रात्रि में नब्बे वर्ष की उम्र में एक लंबी बीमारी के उपरांत केसपा स्थित आवास पर निधन हो गया. वे गणित के जादूगर थे. किसी भी गणित को बहुत ही आसान तरीकों से विद्यार्थियों को समझाया करतें थे. अपने पूरे जीवन काल में कभी भी छड़ी नही उठाई, लेकिन विद्यार्थी सबसे अधिक उन्हीं से डरते एवं सम्मान करते थे .उनकी शिक्षण पद्धति अतुलनीय थी .उन्होंने सरकारी शिक्षक के रूप में अपना एक लंबा समय जनता उच्च विद्यालय, मऊ में व्यतीत किया, एवं श्री धरणीधर +2 विद्यालय, केसपा से 1997 में सेवानिवृत हुए .उनके पढ़ाए हुए अनेकों विद्यार्थी देश-विदेश में अपनी सफलता का परचम लहरा रहे है. वे जीवन भर विधार्थीयों के लिए सैदव उपलब्ध रहते थे, एवं श्री धरणीधर +2 विद्यालय, केसपा को शिक्षा समिति के सदस्य के रूप में अपना मार्गदर्शन देते रहे .उनकी आखिरी इच्छा के अनुसार उनका अंतिम दाह संस्कार गांव में संपन्न किया गया.उनका नाती सोनू कुमार ने उन्हें मुखाग्नि दिया. आज उनकी आखिरी यात्रा में सेवानिवृत क्षेत्रीय निदेशक डॉ उपेन्द्र नारायण शर्मा, डॉ उदय शर्मा, डॉ राम कृपाल शर्मा, समाजिक कार्यकर्त्ता हिमांशु शेखर, अभय कुमार, सुनील कुमार, अरविन्द पांडेय,कविन्द्र केशव,अमिताभ कुमार, सुमन कुमार, राकेश शर्मा, दिनेश शर्मा सहित सैकड़ों लोग शामिल हुए. पूर्व अपर पुलिस महानिदेशक राज्यवर्धन शर्मा ने उनके उदार व्यक्तित्व को याद करते हुए अपनी शोक संवेदना प्रकट किया है.सेवानिवृत्ति के उपरांत भी उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन शिक्षा के प्रति समर्पित कर दिया .हिमांशु शेखर ने कहा है कि आज के शिक्षकों को उनकी शिक्षण पद्धति को अपनाना चाहिए.