बिहार सरकार के शिक्षा विभाग मुख्य सचिव केके पाठक साहब लाख प्रयास कर ले पर शिक्षा विभाग में कोई सुधार आने को नहीं आखिर क्यों?

अर्जुन केशरी,

गया जिला के बाराचट्टी प्रखंड क्षेत्र में आने वाले दर्जनों विद्यालय में शिक्षक की बड़ी लापरवाही आए दिन देखने को मिल रही है विद्यालय समय पर तो खुलती है पर समय पर शिक्षक विद्यालय नहीं पहुंचते हैं। विद्यालय बंद होने के समय से एक घंटा पूर्व ही विद्यालय बंद हो जाती है। शिक्षक शिक्षिकाएं समय पूर्व चले जाते हैं यह मामला गया जिला के बाराचट्टी प्रखंड के बीवी पेसरा पंचायत के बेला गांव की आ रही है। मध्य विद्यालय बेला में शिक्षकों की घोर लापरवाही 11:00 बजे तक क्लास में बच्चों की हाजिरी नहीं बनती है।यह मैं नहीं क्लास रूम में बैठे बच्चे कह रहे हैं।मध्याह्न भोजन के नाम पर विद्यालय में उपस्थित डेढ़ सौ बच्चे, मध्याह्न भोजन के अटेंडेंस 250 बच्चों की बनती है आखिर क्या हो रहा है विद्यालय में बच्चों की भोजन के नाम पर लूट इन सब पैसे कहां जाती है प्रधानाध्यापक महोदय आप बताएं नन्हे मुन्ने गरीब मजदूर के बच्चे को भोजन में कटौती कर पैसा आखिर किनके देते है।
बिहार सरकार के मुख्य सचिव महोदय बिहार में शिक्षा में सुधार तभी आएगी जब तक शिक्षामित्र प्रखंड शिक्षक या स्थानीय शिक्षक को अपने जिला से दूसरे जिला में भेजेंगे तभी शिक्षा में कुछ सुधार आ सकती है ।बहुत से विद्यालय ऐसे हैं कि अभी भी स्थानीय शिक्षक विद्यालय में अटेंडेंस बनाकर अपना काम निपटाने आ जाते हैं। ग्रामीण गरीब मजदूर के बच्चे की भविष्य इन शिक्षकों की हाथ में है लेकिन इन सभी शिक्षक अपनी हाथ से इन बच्चों के भविष्य को अंधकार में ला रहे हैं। विद्यालय की प्रभारी ऐसा भी करते हैं की जो शिक्षक छुट्टी में जाते हैं जो आवेदन नहीं देते हैं उनके नाम पर प्रधानाध्यापक खुद को आवेदन लिख करके साइन कर अपने बचाव और उससे बचने के प्रयास करते हैं आखिर कैसे होगी शिक्षा में सुधार।