मुख्यमंत्री की चिरौरी कर अपनी अपनी उपजातियों के लिये कोड की मांग की वो शर्मनाक है

संजय वर्मा ।

अंतरराष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन के प्रदेश अध्यक्ष भाजपा कार्यसमिति सदस्य डॉ जगन्नाथ गुप्ता ने कहा कि विगत 40 वर्षों से वैश्य समाज की सभी 56 उपजातियों को लंबे संघर्ष कठिन परिश्रम त्याग तपस्या कर एकजुट और संगठित करने का जो उनका प्रयास जारी था उसे तुच्छ और संकीर्ण सोच से ओतप्रोत समाज के तथाकथित दुश्मनों ने अपने स्वार्थ में अंधा होकर छिन्न भिन्न कर दिया जिन नेताओं या संगठनों ने मुख्यमंत्री की चिरौरी कर अपनी अपनी उपजातियों के लिये कोड की मांग की वो शर्मनाक है वैश्य समाज के स्वयम्भू संगठनों के नेता नन्गे हो गए वैश्य समाज तो छोड़िये उनकी उपजाति में ही उनकी औकात नहीं है ऐसे लोग खुद ही बेनकाब हो गए।डॉ जगन्नाथ गुप्ता ने पूछा जब कुर्मी कोयरी यादव ब्राम्हण भूमिहार भूमिहार जातियों के उपजातियों को अलग अलग कोड देने की जगह एकजुट कोड दिया गया तो फिर वैश्य बनिया जाति के जातियों को खण्ड विखण्ड कर अलग अलग जातियों को अलग अलग कोड दिया जाना एक राजनीतिक साजिश का हिस्सा है जिसे किसी कीमत पर बर्दास्त नहीं किया जाएगा उन्होंने वैश्य समाज के उन नेताओं से पूछा कि अब आप किस मुह से वैश्य नेता कहलायेंगे यह तो स्पष्ट हो गया कि आप अपनी उपजाति के लिये बने हैं और वैश्य के नाम पर पाखण्ड ढकोसला और नकली आंसू बहा रहे थे समाज आपके इस दोगले दोहरे चरित्र नाटक को समझ गई आपके इस कृत्य को कभी माफ नही करेगी डॉ जगन्नाथ गुप्ता ने मुख्यमंत्री नीतीश से मांग किया कि जातीय जनगणना के तहत वैश्य समाज की सभी 56 उपजातियों को एक कोड आवंटित किया जाय ताकि वैश्य समाज मे सामाजिक सद्भाव सद्भावना और एकजुटता कायम रहे उन्होंने कहा कि समाज के लोग सतर्क सावधान रहें उनके रहते रंगुआ सियार नेताओ का सारा छल प्रपंच पर पानी फिर जाएगा ।