मौलाना अबुल कलाम आजाद हिन्दू – मुस्लिम एकता के मिशाल थे – कॉंग्रेस

विश्वनाथ आनंद ।
गया (बिहार)-महान स्वतंत्रता सेनानी, कवि, लेखक, पत्रकार , देश के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की 136 वीं जयंती स्थानीय इंदिरा गांधी प्रतिमा स्थल प्रांगण मे कॉंग्रेस पार्टी के तत्वाधान मे मनाई गई। कार्यक्रम की शुरुआत मौलाना अबुल कलाम आजाद के चित्र पर माल्यार्पण कर हुआ।
जयंती कार्यक्रम की अध्यक्षता गया जिला कॉंग्रेस कमिटी के अध्यक्ष डॉ गगन कुमार मिश्रा तथा संचालन युवा कॉंग्रेस अध्यक्ष विशाल कुमार ने किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिट्ठू, पूर्व विधायक मोहम्मद खान अली, जिला कॉंग्रेस उपाध्यक्ष बाबूलाल प्रसाद सिंह, राम प्रमोद सिंह, दामोदर गोस्वामी, श्रीकांत शर्मा, राम प्रवेश सिंह प्रद्युम्न दुबे, शिव कुमार चौरसिया, विपिन बिहारी सिन्हा, कुंदन कुमार, उदय शंकर पालित, अमित कुमार सिंह उर्फ रिंकू सिंह, रंजीत कुमार सिंह, शशि किशोर शिशु, विद्या शर्मा, प्रदीप शर्मा, मोहम्मद शमीम, आदि ने कहा कि मौलाना अबुल कलाम आजाद सन 1923 में भारतीय राष्ट्रीय कॉंग्रेस के सबसे कम उम्र में राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे, तथा देश के प्रथम शिक्षा मंत्री के रूप में देश में अतुलनीय कार्य किए।

नेताओं ने कहा कि मौलाना अबुल कलाम आजाद धर्म के आधार पर देश के विभाजन का जबरदस्त विरोध करते थे, वे अपने संपूर्ण जीवन काल में वैसे नेता का काफी आलोचना करते थे, जो देशहित के समक्ष साम्प्रदायिक हित की तरजीह दिया करते थे।
नेताओं ने कहा कि मौलाना अबुल कलाम आजाद 1912 में एक उर्दू पत्रिका अल हिलाल का सूत्रपात किया था, उसका उदेश्य मुसलमान युवको को क्रांतिकारी आंदोलनों के प्रति उत्साहित करना और हिन्दू- मुस्लिम एकता पर बल देना था।