सर्वोच्च न्यायालय का फैसला न्याय संगत, व्यापक जनहित में- कौटिल्य मंच
विश्वनाथ आनंद ।
गया (बिहार)-सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निजी संपत्तियों के अधिक ग्रहण के संदर्भ में चंद्रचूड़ के अध्यक्षता वाली नौ न्यायाधीशों की पीठ ने 8/1के बहुमत से चंद्रचूड़ की अध्यक्षता से सुनाये गए फैसले का विभिन्न सामाजिक संगठन के साथ कौटिल्य मंच से जुड़े समाज के जागरूक बुद्धिजीवियों ने व्यापक स्वागत किया है। विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े कौटिल्य मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर विवेकानंद मिश्र ने कहा है की न्याय मूर्ति कृष्णा अय्यर ने पिछले फैसले में कहा था कि सभी निजी संपत्तियों को राज्य सरकार यदि चाहे तो अधिग्रहित कर सकती है, जिसे आज सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी बाई चंद्रचूड़ ने यह कहना विशेष रूप में महत्वपूर्ण है कि पुराना फैसला विशेष आर्थिक और सामाजवादी विचारधारा से प्रेरित था। सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले से इन तमाम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी जिनकी निजी संपत्तियों के अधिग्रहण का खतरा उत्पन्न हो गया था।
डॉक्टर मिश्र ने कहा है की पीठ में शामिल न्याय मूर्तियों ने बड़े ही स्पष्ट शब्दों में कहा है कि विगत 30 वर्षों से गतिशील आर्थिक नीति अपनाने से भारत विश्व में सबसे तेज गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन गया है। न्यायमूर्ति ने कहा की निजी व्यक्तियों की संपत्ति सहित हर संपत्ति को सामुदायिक संसाधन नहीं कहा जा सकता है। इस पर कौटिल्य मंच ने कहा है किया फैसला अत्यंत ही न्याय संगत और व्यापक जनहित में है। कौटिल्य मंच के जिन प्रमुख व्यक्तियों ने इस फैसले का न्याय संगत और समय अनुकूल बताया व्यापक जनहित में कहा है उनमें प्रमुख रूप से सम्माननीय साहित्यकार आचार्य राधा मोहन मिश्र माधव आचार्य वल्लभ जी महाराज बोधगया मठ के स्वामी सत्यानंद गिरी जी आचार्य अभय कुमार पाठक ए आई जेड कांग्रेस साइंस के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ बी एन पाण्डेय प्रख्यात शिक्षाविद् प्रोफेसर उमेश चंद्र मिश्र शिव प्रसिद्ध व्यवसाई शिवचरण डालमिया कौटिल्य मंच के प्रदेश महासचिव रूबी कुमारी महेश बाबू गुपुत डॉक्टर रविंद्र कुमार गजाधर लाल पाठक कृष्णा बाबू टईया गजाधर लाल कटारिया डॉ विवेक कुमार हरि नारायण त्रिपाठी ऋषिकेश शंभू बाबू गुर्दा मोहम्मद उमैर डाॅ. इतेश्याम उद्दीन मोहम्मद सागीर मोहम्मद सद्दाम मोहम्मद शाहजहां मोहम्मद सुहेब पुष्पा गुप्ता अधिवक्ता दीपक पाठक अधिवक्ता एस के पाठक अधिवक्ता उत्तम पाठक महेश मिश्रा इम्तियाज अहमद सत्येंद्र दुबे अद्यतन भारत के संपादक रवि भूषण पाठक राजू तिवारी जितेंद्र दुबे डॉक्टर अशोक कुमार द्विवेदी अरुण ओझा देवेंद्र नाथ पाठक बृजेश राय सुबी नगमतिया गुड्डू बाबू देवेंद्र नाथ मिश्रा रंजीत पाठक पवन मिश्रा ज्योतिष शिक्षा एवं शोध संस्थान के निदेशक डॉ ज्ञानेश भारद्वाज किरण पाठक नीलम कुमारी निरंजन प्रसाद पूजा कुमारी धीरज कुमार डॉ संदीप अवस्थी विश्वजीत चक्रवर्ती सुमन कुमारी फूल कुमारी प्रोफेसर रीना सिंह शम्भु गिरी रीना गिरी सुषमा गुप्ता गणेश मिश्रा छोटू मिश्रा पुष्पा गुप्ता मृदुला मिश्रा प्रोफेसर अशोक कुमार वीणा मिश्रा कौशल्या देवी गुड्डीया कुमारी बेबी कुमारी कृष्णा बाबू मानवाधिकार के रवि कुमार मालती देवी अपर्णा मिश्रा अजय मिश्रा सुनील कुमार प्रियांशु मिश्रा कविता राऊत संगीता कुमारी पार्वती देवी डोमन प्रसाद संजय मिश्रा अनुज्ञा कुमारी तनु के अलावे बड़ी संख्या में लोगों ने फैसले का स्वागत किया है।