राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर ओज, विद्रोह, आक्रोश, क्रांति के पुकार थे – विजय कुमार मिट्ठू

विश्वनाथ आनंद।
गया( बिहार)-आज महान स्वतंत्रता सेनानी, प्रमुख लेखक, वीर रस के कवि पद्मभूषण राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की 116 वी जयंती गया के स्थानीय चौक स्थित इंदिरा गांधी प्रतिमा स्थल प्रांगण मे कॉंग्रेस युवा कॉंग्रेस के संयुक्त तत्वावधान में मनाई गई।सर्वप्रथम राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की चित्र पर माल्यार्पण के पश्चात्‌ उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला गया।इस अवसर पर उपस्थित बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिट्ठू, पूर्व विधायक मोहम्मद खान अली, युवा कॉंग्रेस अध्यक्ष विशाल कुमार, जे एन यू छात्र संघ के पूर्व महासचिव कॉंग्रेस नेता विपिन बिहारी सिन्हा, प्रदेश प्रतिनिधि कुंदन कुमार, बाबूलाल प्रसाद सिंह, राम प्रमोद सिंह, प्रद्युम्न दुबे , विनोद उपाध्याय, बाल्मीकि प्रसाद, अमित कुमार सिंह उर्फ रिंकू सिंह, टिंकू गिरी, मोहम्मद समद आदि ने संयुक्त रूप से कहा कि राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर स्वतंत्रता के पूर्व विद्रोही कवि के रूप में स्थापित हुए और स्वतंत्रता के बाद राष्ट्रकवि के नाम से सम्पूर्ण भारतवासियों के बीच प्रचलित हुए।

इनकी कविताओ में ओज, विद्रोह, आक्रोश, क्रांति की पुकार है।नेताओं ने कहा कि दिनकर भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति, राज्यसभा सांसद के रूप में शिक्षा से संसद तक इनकी विद्वता, की गूंज थी।नेताओं ने कहा कि रामधारी सिंह दिनकर की महान रचनाओं में रश्मिरथी , परशुराम की प्रतीक्षा , उर्वशी है। नेताओं ने केन्द्र एवं राज्य सरकार से राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जयंती सभी शिक्षण संस्थानों में मनाने एवं पाठय़क्रम में शामिल करने की मांग किया है।

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