सरकार ने गरीबो के बैंक खातों को बंद कर ज़न-धन योजना को लूट का जरिया बनाया _ कॉंग्रेस

मनोज कुमार ।
बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिट्ठू, पूर्व विधायक मोहम्मद खान अली, जिला कॉंग्रेस उपाध्यक्ष बाबूलाल प्रसाद सिंह, राम प्रमोद सिंह, प्रद्युम्न दुबे, मिथिलेश सिंह, शिव कुमार चौरसिया, विपिन बिहारी सिन्हा, कुंदन कुमार, युवा कॉंग्रेस अध्यक्ष विशाल कुमार, मोहम्मद शमीम आलम, उज्ज्वल कुमार, आयुष सेठ आदि ने ज़न- धन योजना के दस साल पूरा होने पर कहा कि मोदी सरकार ने ज़न-धन योजना को लूट का साधन बनाया है, जिसमें दस वर्षो में मिनिमम बैलेंस के नाम पर देशभर के राष्ट्रीयकृत बैंकों ने 45 हजार करोड़ रुपये वसूल कर 10 करोड़ से ज्यादा बैंक खातों को बंद किया जिसमें 50 प्रतिशत बैंक खाता महिलाओं का है।

नेताओं ने कहा कि देशभर के राष्ट्रीयकृत बैंकों द्वारा मिनिमम बैलेंस के साथ-साथ चेक, एस एम एस चार्ज, मैसेज, ए टी एम ट्रांजेक्शन आदि किसी प्रकार की सुविधा बिना शुल्क के असंभव हो गया है, मोदी सरकार के कार्यकाल में, जबकि देश के प्रधानमंत्री ज़न धन योजना के दस वर्ष पूरा होने पर अपनी नाकामियों का ठीकरा कॉंग्रेस पार्टी पर फोड़ते हुए कहा कि अतीत में कॉंग्रेस गरीबो के नाम पर बैंकों का राष्ट्रीयकृत किया, लेकिन उन्हें कभी बैंक तक पहुंचने नहीं दिया, जो पूरी तरह निराधार एवं असत्य है , क्योकि कॉंग्रेस ने बैंकों को राष्ट्रीयकृत कर गरीबो के लिए बिना किसी शुल्क एवं ठगी के उसका दरवाज़ा खोला था, जिसे आज ज़न धन योजना के नाम पर राष्ट्रीयकृत बैंकों में खाता खोलवा कर मिनिमम बैलेंस के नाम पर लूटने का काम किया जा रहा है।

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