आपका भी कल वही अंजाम होगा

विश्वनाथ आनंद ।
गया( बिहार)- गया जिला के प्रसिद्ध एवं चर्चित कवित्री डॉक्टर रश्मि प्रियदर्शनी ने अपनी कविता के माध्यम से प्रकाश डालते हुए कहा है कि
-देख बिखरे पंख, बिखरी हड्डियाँ, छींटे लहू के।
गर न सुधरे, आपका भी कल वही अंजाम होगा।।
-बिल्लियों का धर्म ही, खग पर झपट्टा मारना है।
-जो न चेते, मूर्खता का मौत ही परिणाम होगा।।

-देखकर हत्या स्वयं-से ही खगों की, गर न संभले।
-प्राण जायेंगे तथा सम्मान का भी नाश होगा।।
-कीजिए मत बिल्लियों की अर्चना-अभ्यर्थना; जो,
अब न जागे, रक्तरंजित आपका विश्वास होगा।।

-😼बिल्लियों को सब्जियाँ भातीं नहीं; यह ढोंग है।.
बिल्लियों की भूख होती तुष्ट, केवल गोश्त से।।
-कीजिए रक्षा परों की, मुक्त हो 🦅 उड़ लीजिए।
दूर ही रखिए स्वयं को बिल्लियों-से दोस्त से।।
डॉ रश्मि प्रियदर्शनी.

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