विभिन्न मुद्दों की मुखालफत कर अपनी पोजीशन बता एनडीए के टेंशन को बढ़ा दिया है चिराग ने

संजय वर्मा .

लोजपा रामविलास के संस्थापक अध्यक्ष चिराग पासवान मोदी मंत्रिमंडल के हिस्सा होते हुए केंद्र की नीतियों का खुलकर विरोध कर रहे उन्होंने देश भर में जातीय जनगणना कराने की विपक्ष की मांग के सुर में सुर मिलाया तो लैटरल इंट्री का मुखर विरोध किया और तो और सुप्रीमकोर्ट ने जब दलित आरक्षण में क्रीमीलेयर मतलब कोटा के अंदर कोटा का फैसला किया तो इसके खिलाफ जबरदस्त विरोध किया मतलब जता दिया कि वो केंद्र सरकार के हर फैसले का वो आंखे मूंदकर समर्थन नहीं कर सकते भाजपा चिराग के इस रवैये से परेसान है और वो इसे राजनीतिक पैंतरा से ज्यादा कुछ नही मानती दरअसल चिराग ने चाचा पशुपति पारस के बारे में कह दिया कि वो एनडीए के पार्ट नही है तभी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिलीप जायसवाल चाचा पशुपति पारस से मिलने उनके आवास पर जा पहुंचे बन्द कमरे में घण्टे भर बात हुई बताया जा रहा कि जायसवाल ने शीर्ष नेतृत्व के हवाले से उन्हें आश्वस्त किया कि वो आराम से रहें।

आपको किसी राज्य का गवर्नर बना दिया जाएगा इस खबर के बाद ही चिराग आगबबूला हुए तलवे का लहर कपार तक पहुंच गया और फिर खुला विद्रोह पर उतर आए झारखंड की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लोजपा रामविलास के पुनः राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने एनडीए को चेतावनी के लहजे में कहा कि उनकी पार्टी को सम्मानजनक सीटें नही नहीं मिली तो वो सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारेंगे इधर बिहार में तिरहुत स्नातक क्षेत्र से अपनी पार्टी का उम्मीदवार भी उतार दिया तीसरी बार सांसद बने चिराग की पार्टी के 5 सांसद है इसलिए चिराग बुलंद है उन्होंने विभिन्न मुद्दों की मुखालफत कर अपनी पोजीशन बता दिया है और एनडीए के टेंशन को बढ़ा दिया है.

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