देश विदेश से लाखो लाख तीर्थयात्रियों द्वारा गया के विभिन्न प्रमुख वेदियों पर पिंडदान का कार्य आरंभ हो गया

धीरज ।

गया। मोक्ष भूमि गया जी की धरती पर पिछले चार दिनों से पितरों की मुक्ति की कामना लेकर आने वाले देश विदेश से लाखो लाख तीर्थयात्रियों द्वारा गया के विभिन्न प्रमुख वेदियों पर पिंडदान का कार्य आरंभ हो गया है। गया के प्रमुख वेदियो में प्रेतशिला , रामशिला, देवघाट , अक्षय वट , विष्णुपद सहित 54 वेदियों पर श्रद्धालुओं द्वारा पिंडदान तर्पण किया जा रहा है।इस बार पितृपक्ष मेला में देश-विदेश से आने वाले तीर्थ यात्रियों को गयाजी की भूमि बदला बदला सा लग रहा , क्योंकि माता सीता के अभिशाप से श्रापित अंतः सलिला फल्गु नदी अब सतत सलिला में परिणत हो चुका है। इतना ही नहीं तपती चिलचिलाती धूप में फल्गु की रेत पर नंगे पांव आस्था के कारण चलने वाले तीर्थ यात्रियों को भी भरपूर राहत मिल रही है , क्योंकि अब विष्णुपद स्थित देवघाट से सीताकुंड तक जाने के लिए गयाजी डैम का निर्माण भी हो चुका है। जिससे ना सिर्फ पर सालों भर फल्गु नदी में जल प्रवाहित होगा बल्कि देवघाट से सीताकुंड तक जाने के लिए सुगम रास्ता भी मिलेगा। इसके अलावा भारत का सबसे लंबा मिथला पेंटिंग भी सीता पथ पर प्रदर्शित करवाया गया है, जिसमे माँ सीता से संबंधित पूरी कहानी चित्र के माध्यम से दिखाया गया है। सीता पथ पर पर्यपात आकर्षक लाइट की भी व्यवस्था किया गया है।इस बार देश विदेश से आये सभी तीर्थयात्रियों को भी गंगा पानी पीने को मिल रहा है जिससे सभी तीर्थयात्री और भी प्रशंसा कर रहे है। सनातन धर्मावलंबियों के आस्था का केंद्र गयाजी में देश-विदेश से आने वाले तीर्थयात्री अपने पूर्वजों की मुक्ति की कामना को लेकर पहुच रहे। राज्य सरकार से लेकर ज़िला प्रशासन ने भी पूरी मुस्तैदी से तीर्थ यात्रियों के हर सुविधा हेतु पलक पावडे बिछा रखी है। गया के गांधी मैदान में हजारों की संख्या में तीर्थ यात्रियों के सुविधा का ख्याल रखते हुए टेंट सिटी का भी निर्माण कराया गया है। जिसमें तीर्थयात्री पिंडदान करने के बाद सुकून से सो सकेंगे।

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टेंट सिटी आवासन स्थल बिल्कुल निशुल्क है। इसके साथ ही यात्रियों के निःशुल्क आवासन हेतु 63 आवासन स्थल बनाए गए हैं। जहां तीर्थयात्री निशुल्क आवासन कर रहे हैं।यात्रियों की एकाएक बढ़ते भीड़ को देखते हुए उनके आवासन में कोई समस्या ना हो इसका पूरा ख्याल रखा जा रहा है, आवश्यकता पड़ने पर और भी आवासन स्थल बढ़ाए जाएंगे। आवासन संबंधित पूरी व्यवस्था का काफी गंभीरता से निगरानी,मॉनिटरिंग उप विकास आयुक्त गया द्वारा की जा रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी तीर्थ यात्रियों को आवासन स्थल से संबंधित समस्या या कठिनाई होने पर वरीय उप समाहर्ता श्री अमित पटेल जिनका मोबाइल संख्या +91 82101 19415 या मेला नियंत्रण कक्ष के दूरभाष संख्या 9266628168 पर बात करें। उन्होंने यह भी कहा कि एक सेपरेट टीम बनाकर विभिन्न आवासन स्थल में ठहरे यात्रियों को कोई समस्या है या नहीं इसकी लगातार घूम घूम कर जांच कराई जा रही है। इसके साथ ही यदि कहीं कोई तीर्थयात्री सड़क के किनारे सोए हुए हैं तो उन्हें भी टेंट सिटी या विभिन्न आवासन स्थल पर भेजने का कार्य किया जा रहा है। इस बार यात्रियों को पेयजल, शौचालय तथा स्नानागार के लिए और अधिक सुसज्जित तरीके से सुविधा उपलब्ध कराए जा रहे हैं। सभी वेदी, घाटों, यात्री आवासन, पुलिस आवासन, वाहन पार्किंग स्थलों में पेयजल, शौचालय तथा स्नानागार लगाए गए हैं।कार्यपालक अभियंता लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ने बताया कि 16 वेदी घाट स्थानों पर 110 चापाकल, 30 प्याऊ तथा 180 नल मरम्मत कराए गए हैं। इसके साथ ही 7 नए बोरिंग, 8 नया चापाकल तथा 1 नया प्याऊ लगाए गए हैं। वेदी घाट पर चलंत पेयजल की सुविधा हेतु 6 वाटर टैंकर तथा 2 वाटर एटीएम लगाए गए हैं।
यात्री आवासन स्थल में 82 चापाकल मरम्मत एव 210 नल का मरम्मत कराया गया है। इसके साथ ही 2 नए बोरिंग तथा 4 नए चापाकल लगवाए गए हैं। यात्री आवासन में 4 चलंत पेयजल सुविधा हेतु वाटर टैंकर मुहैया कराए गए हैं।पुलिस आवासन स्थलों में कुल 54 चापाकल को मरम्मत तथा 180 नल की मरम्मत कराए गए हैं। इसके साथ ही एक नया बोरिंग तथा तीन नए चापाकल लगवाए गए हैं एवं 2 वाटर टैंकर मुहैया कराया गया है। पितृपक्ष मेला में कुल 11 स्थानों में वाहन पार्किंग स्थल बनाए गए हैं जहां 44 चापाकलो के मरम्मत 21 नल की मरम्मत कराए गए हैं इसके साथ ही 2 नए चापाकल लगवाए गए हैं। वाहन पार्किंग स्थल में कोई असुविधा ना हो इसके लिए 8 वाटर टैंकर तथा दो वाटर एटीएम लगवाए गए हैं।

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