स्वामी रंग रामानुजाचार्य का वैकुंठ गमन प्रथम उत्सव मना, भंडारा में उमड़ा जनसैलाब

रजनीश कुमार ।

रथ, घोड़ा, बैंड बाजा के साथ हुलासगंज मंदिर से निकली शोभायात्रा , श्रद्धालुओं ने किया पुष्प वर्षा, स्वामी जी अमर रहे नारों से गुंजायमान हुआ बाजार ।

जहानाबाद:- श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर हुलासगंज ,सरौती मेहंदिया एवं जगन्नाथ पुरी के मठाधीश रहे स्वामी रंग रामानुजाचार्य का प्रथम वैकुंठ गमन उत्सव मंगलवार को विभिन्न जगहों पर धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर उनके शिष्यों व धर्मावलंबियों ने उनके चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
मुख्य कार्यक्रम जिले के हुलासगंज लक्ष्मी नारायण मंदिर में आयोजित हुआ। बड़े स्वामी के कृपा पात्र छोटे स्वामी हरेरामचार्य की अध्यक्षता में आयोजित चार दिवसीय वैकुंठ गमन उत्सव में पूजन , अखंड कीर्तन तथा प्रवचन के साथ-साथ अन्य कार्यक्रम आयोजित हुए। उत्सव के समापन तिथि मंगलवार को सुबह में हुलासगंज बाजार में शोभायात्रा निकाली गई। घुड़सवार, बैंड बाजा के साथ निकली शोभायात्रा में रथ पर रखी गई स्वामी जी की चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने के लिए लोग उमड़ पड़े। स्वामी जी अमर रहे के नारों से पूरा बाजार गूंजता रहा। बाजार वासी छत के मुड़ेरो से स्वामी जी का पुष्प वर्षा कर श्रद्धांजलि दी ।
श्रद्धांजलि देने के लिए कई नामचीन लोग भी हुए शामिल
वैकुंठ गमन स्वामी जी के वैकुंठ गमन उत्सव पर आयोजित समारोह में श्रद्धांजलि देने के लिए पूर्व सांसद डॉक्टर जगदीश शर्मा, जदयू नेता पूर्व विधायक राहुल कुमार, पूर्व केंद्रीय मंत्री कांग्रेस नेता अखिलेश प्रसाद सिंह के पुत्र आकाश कुमार ,पूर्व सांसद अरुण कुमार के पुत्र ऋतुराज कुमार, धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष किशोर कुणाल के पुत्र शाहीन कुणाल व उनकी पत्नी शांभवी चौधरी, जिला पार्षद अजय सिंह टुन्नू, हुलासगंज मुखिया संघ के अध्यक्ष रंजीत कुमार समेत कई प्रमुख लोगों ने स्वामी जी चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया । मौके पर लोगों ने कहा कि वेद उपनिषद के साथ-साथ अनेक भाषा के ज्ञाता स्वामी जी ने कई धार्मिक एवं शिक्षण संस्थान स्थापित कर समाज को नई दशा दिशा दी है। वह लोगों को परोपकार की भी सीख देते थे। उनके विचारों को अपनाने की जरूरत है। जिला परिषद जिला पार्षद अजय सिंह टुन्नु एवं मुखिया संघ के अध्यक्ष रंजीत कुमार, समेत कई आसपास के लोग वहां आने जाने वाले गणमान्य लोगों के स्वागत में भी जुटे थे। आने जाने वाले लोगों को प्रसाद भी दिया जा रहा था।
दोपहर बाद भंडारा का कार्यक्रम शुरू हुआ जिसमें हजारों की तादाद में श्रद्धालु शामिल हो प्रसाद ग्रहण किया।

जन्मभूमि मिर्जापुर में आयोजित हुआ वैकुंठ गमन उत्सव व भंडारा
उधर उनकी जन्मभूमि रतनी प्रखंड के मिर्जापुर गांव में भी बैकुंठ गमन की प्रथम पुण्यतिथि पर धार्मिक अनुष्ठान व भंडारा का आयोजन किया गया। यहां भी चार दिवसीय कार्यक्रम में दिन में पूजा अर्चना एवं शाम में प्रवचन एवं रासलीला का भी कार्यक्रम आयोजित किया गया था। स्वामी जी के शिष्य कृष्ण प्रपन्नाचार्य के अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम अंतिम दिन श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। कार्यक्रम के सफल संचालन में उनके शिष्य के साथ-साथ ग्रामीण सुनील कुमार, बैजनाथ शर्मा, चंदन कुमार समेत कई लोग बढ़-चढ़कर भागीदारी निभाई।

बता दें कि रतनी प्रखंड के मिर्जापुर जन्मभूमि रही स्वामी रंग रामानुजाचार्य ने बाल काल में ही गॄह का परित्याग कर धर्म एवं शिक्षा के प्रसार में जुट गए । इसके लिए उन्होंने सरौती, हुलासगंज, मेहंदीया, जगन्नाथ पुरी आदि जगहो पर लक्ष्मी नारायण मंदिर एवं शिक्षण संस्थान संचालन कर लोगों में धर्म एवं शिक्षा का प्रसार किया। वे स्वयं वेद उपनिषद एवं कई भाषा के ज्ञाता थे। उनके धर्म एवं शिक्षा के प्रसार के फलस्वरूप समाज में शांति सामाजिक समरसता के साथ-साथ विकास के रोशनी गांव गांव में पहुंची। जिसकी गुणगान करते लोग नहीं थकते हैं।

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