थारू समाज को लेकर बिहार सरकार का बड़ा दांव, जानिए क्या है खास

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SANJIV SINGH.

#30 करोड़ रुपये का विशेष आवंटन, होंगे कई विकासात्मक कार्य

पटना, 17 दिसंबर।राज्य सरकार थारू समाज के समावेशी विकास के लिए विशेष पहल कर रही है। इस संबंध में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री लखेंद्र कुमार रौशन ने कहा कि थारू समाज के उत्थान के लिए 30 करोड़ रुपये का विशेष आवंटन किया गया है, जिससे विभिन्न विकासात्मक योजनाओं को गति दी जाएगी।मंत्री ने बताया कि राज्य में थारू समाज सहित अन्य असहाय वर्गों के लगभग 22 लाख लोगों को चिन्हित करते हुए एक विशेष सूची तैयार की गई है। पश्चिमी चंपारण क्षेत्र में विभाग की ओर से थरुहट विकास अधिकरण सहित कई जनहितकारी योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है, जिससे समाज के सर्वांगीण विकास को मजबूती मिल रही है। आवश्यकता पड़ने पर इस संस्था के विस्तार के लिए केंद्र सरकार से सहयोग लिया जाएगा।

राष्ट्रीय जनजातीय सेमिनार का आयोजन
इस अवसर पर अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के अंतर्गत बिहार अनुसूचित जनजाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा पटना के तारामंडल परिसर स्थित सभागार में राष्ट्रीय जनजातीय सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार का उद्देश्य जनजातीय समुदायों के विकास कार्यों को गति देना तथा सरकारी कार्यक्रमों में उनकी भागीदारी बढ़ाना रहा।

कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए विभागीय निदेशक प्रियंका रानी ने कहा कि प्रशासनिक सेवा, राजनीति सहित विभिन्न क्षेत्रों में जनजातीय समुदायों की सहभागिता बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि अनुसूचित जनजाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान का नया भवन मीठापुर में निर्माणाधीन है, जिसका कार्य जनवरी माह से प्रारंभ होगा।

विशेषज्ञों ने रखे विचार
कार्यक्रम में उपस्थित डॉ. शैलेंद्र ने कहा कि जनजातीय समुदायों को समझना और उनके हित में कार्य करना आवश्यक है। समाज की मुख्यधारा में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना प्राथमिकता होनी चाहिए। सेमिनार में उपस्थित अन्य विशेषज्ञों ने भी जनजातीय विकास से जुड़े विषयों पर अपने विचार रखे।

इस मौके पर अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी दीवान जफर हुसैन, बिहार अनुसूचित जनजाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान पटना के उप सचिव ज्योति झा, बिहार महादलित विकास मिशन पटना के मिशन निदेशक गौतम पासवान, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग सह-बिहार अनुसूचित जनजाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान पटना के निदेशक प्रियंका रानी, भारतीय मानवविज्ञान सर्वेक्षण निदेशक प्रो. बीवी शर्मा समेत अन्य अधिकारी एवं शोधकर्ता उपस्थित रहे।