हमारा संविधान ही लोकतंत्र की आत्मा है-डॉ ज्ञानेश
विश्वनाथ आनंद .
गयाजी( बिहार)- हमारा यह महान संविधान केवल कानूनो का संग्रह नहीं बल्कि लोकतंत्र की स्थिरता और प्रगति का जीवंत दस्तावेज है। यह कथन है विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े भारद्वाज शिक्षा शोध संस्थान के निदेशक डॉ ज्ञानेश भारद्वाज का आज संविधान दिवस के अवसर पर विभिन्न लोगों से आज एक साक्षात्कार के दौर में पूछे सवालों के जवाब में कहा है।उन्होंने इसे विस्तार रूप से चर्चा करते हुए कहा के विश्व बंधुत्व के साथ राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता को बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्प होकर इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित, आत्मा अर्पित किया है इसकी मर्यादा को बनाए रखना ही हम सबों का परम दायित्व है।इस अवसर पर कौटिल्य मंच के संरक्षक प्रसिद्ध व्यवसाय शिवचरण बाबू डालमिया ने कहा कि संविधान का सम्मान करना राष्ट्रीय चरित्र की बुनियाद है। उन्होंने कहा कि हमारा समाज परिवर्तनशील है इसलिए चुनौतियों के साथ समय-समय पर संशोधन करने की विशेषता है।समाजसेवी डॉ रविंद्र कुमार ने कहा कि आज हम संविधान दिवस मना रहे हैं यह केवल औपचारिकता नहीं बल्कि आत्म मंथन का अवसर देता है।
मनीष कुमार ने कहा की संविधान की शक्ति राष्ट्र हितों की रक्षा के लिए समर्पित व्यक्तियों में है।भारतीय राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा के प्रदेश सचिव प्रोफेसर सुनील कुमार मिश्रा ने कहा की अंबेडकर साहब के उस आग्रह में देखा जा सकता है जिसमें उन्होंने कहा था की संविधान को केवल राजनीतिक बहस का साधन न बनाकर समाज सुधार और मानवता के निर्माण और रक्षा में हो।डॉक्टर छोटे बाबू एवं डॉक्टर दिनेश बाबू ने कहा संविधान के प्रस्तावना में निहित न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व यह केवल शब्द नहीं बल्कि आत्म मंथन का अवसर भी है।कुमारी ज्योति मिश्रा कही की युवा पीढ़ी संवैधानिक नैतिकता को समझे और इसे अपने आचरण में उतारे।शंभू गिरी ने कहा आज संविधान दिवस लोकतंत्र की आत्मा से जुड़ा हुआ उत्सव है।धन्यवाद ज्ञापन करते हुए अधिवक्ता दीपक पाठक ने कहा की संविधान सभा ने भारत की विविध भाषा संस्कृति विचारधाराओं और सामाजिक संरचनाओं को समझते हुए एक ऐसा दस्तावेज तैयार किया जो विश्व में सबसे विस्तृत और व्यावहारिक है. इसके अलावे जिन लोगों ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किये उनमें विक्रम मिश्रा, अधिवक्ता अपर्णा मिश्रा, प्रियांशु मिश्रा, डॉ चंद्रभूषण मिश्रा, सुनीता देवी, किरण पाठक, कविता राऊत, विश्वजीत चक्रवर्ती, मनीष कुमार मिश्रा, डा मंटू मिश्रा,अमरनाथ पांडे अधिवक्ता, राजीव नयन पांडे, अचार्य अरुण पाठक, रंजीत पाठक, पवन मिश्रा , राजीव लाल गुड़ा, मुकेश कुमार गौर, आचार्य अभय मिश्रा,आचार्य मणिकांत मिश्रा, डिंपल कुमारी, अधिवक्ता सुरेंद्र कुमार मिश्रा, सुरेंद्र उपाध्याय, नीरज वर्मा, अधिवक्ता सुदर्शन पाठक, नीलम पासवान, फूल कुमारी यादव, अधिवक्ता उत्तम पाठक, तरन्नुम तारा, तसलीमा नाज, नुसरत प्रवीण, इशरत जमाल, शोभा देवी इत्यादि उल्लेखनीय है। ।